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बोधगया का रूद्र हाथ से ही नहीं; आंखें बंद कर पैरों से भी चलाता है धनुष, लगाता है अचूक निशाना

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9 वर्ष के बच्चों से लोग पढ़ने-खेलने की बात बताते हैं, परंतु न गया में 9 वर्ष के बच्चे का टैलेंट आज पूरा देश देख रहा है। इस 9 वर्ष के बच्चे में गजब का टैलेंट है। यह सैकड़ों प्रकार से योग करने में ये एक्सपर्ट है। जब यह स्केटिंग करता है तो ऐसा लगता मानो को बड़े से बड़े स्कैटरर को भी पीछे छोड़ देता है। अब एक और प्रशंसनीय कार्य 9 वर्ष के बच्चे रुद्र प्रताप सिंह ने कर दिखाया है। रुद्र अपने दोनों हाथ के ताक़त से खड़ा होकर पैर से धनुष उठा कर टारगेट लगाता है।इतना ही नहीं रूद्र प्रताप सिंह आंखों पर पट्टी बांधकर भी धनुष चलाता है एवं उसका निशाना भी सटीक बैठता है।

रुद्र की इस योग्यता के पीछे उनके पिता राकेश कुमार का बड़ा सहायता है। उनके पिता ही उनके लिए पिता गुरु एवं कोच हैं। रुद्र प्रताप बड़े-बड़े योग तथा स्केटिंग में गोल्ड मेडल भी प्राप्त कर चुके है। अनुमान है की रुद्र प्रताप देश का पहला बच्चा है जो सिर्फ 9 वर्ष की आयु में 5 से 20 फीट का निशाना तय करता है। रुद्र चुनौती देता है कि कोई उसे नहीं हरा सकता है। तीरंदाजी में निश्चित तरीके पर मेडल आएगा तथा ओलंपिक में फ्यूचर दिख रहा है। रुद्र 4 क्लास का स्टुडेंट्स है तथा अभी तक स्टेट, राष्ट्रीय का 20 से ज्यादा सर्टिफिकेट एवं मेडल हासिल कर चुका है। ये मेडल उसे योग एवं स्केटिंग में प्राप्त हुए हैं।

रुद्र प्रताप सिंह कहते है कि एक फॉरेन एथलीट महिला का वीडियो देखने के उपरांत उसे तीरंदाजी की मोटिवेशन मिली। उसने उसमे भी भिन्न भिन्न तरह की प्रयास आरंभ कर दिया। सीधे तरीके पर तीरंदाजी तो करता ही है उसके सहित ही हाथ केबल उल्टा खड़ा होकर और उल्टी स्थिति में बंद आंखों से भी तीर धनुष से तीर चलाता है।वह कहता है कि योग को अपने मध्यम से बनाया एवं सिर्फ एक माह में आर्चरी को कमांड करने लगा। उस इस क्रम में 20 फीट तक टारगेट साधता है।

रुद्र के पिता राकेश कुमार सिंह कहते हैं कि वे जहानाबाद के खरका गांव के निवासी हैं। गया में वह बच्चे को पढ़ाने के हेतु बोधगया के राजापुर में निवास करते हैं। वे कहते हैं कि रुद्र प्रताप सिंह को योग से बेहद लगाव था तो वह उनकी देखरेख में ही योग की उसने अभ्यास आरंभ कर दी। आज तकरीबन डेढ़ सौ से ज्यादा योगासनों में उसका टैलेंट है। उसके अतिरिक्त स्केटिंग में भी वह योग्य है।

बकौल राकेश कुमार सिंह अब रुद्र प्रताप सिंह तीरंदाजी में भी अपने टैलेंट को दिखा रहा है। वह कहते हैं कि फिलहाल में तो टॉय तीरंदाजी से ही उसका अभ्यास चल रहा है। कंपाउंड तीरंदाजी खरीदने के हेतु पैसे नहीं हैं हालाकि उसमे तकरीबन ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। अगर गवर्नमेंट सहायता करें तो निश्चित तरीके पर देश के हेतु रुद्र ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल कर सकता है।