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BIHAR

बिहार: DM के ‘अभियान किताब दान’ का कमाल, जिले की सभी पंचायतों-नगर निकायों में खुले पुस्तकालय

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25 जनवरी 2020 को पूर्णिया के DM राहुल कुमार ने जिले में एक अनोखा अभियान चलाया ‘अभियान किताब दान’ । डीएम ने लोगों से गुजारिश की थी कि वे अपने घरों में रखी बुक्स को दान दें, उसमे ग्रामीण क्षेत्र में पुस्तकालय खोला जा सके। DM के इस अपील का लोगों पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि सिर्फ डेढ़ वर्ष में पूर्णिया में लोगों ने डेढ़ लाख किताबों का दान किया। आज यह अभियान का ही प्रभाव है कि पूर्णिया जिला देश का पहला जिला बन गया है, जहां सारे 230 पंचायतों एवम सात नगर निकायों में बिना सरकारी धनराशि खर्च किए पुस्तकालय खुल गया है।

DM राहुल कुमार द्वारा बताया गया कि दान में मिले इस डेढ़ लाख किताबो से सभी 230 पंचायतों एवम सात नगर निकायों में ग्रामीण क्षेत्र में पुस्तकालय खोल वहां के स्थानीय वॉलिंटियर, रिटायर्ड शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता को उससे संचालन की जिम्मेवारी दी गई। उसमें शिक्षा डिपार्टमेंट के ऑफिसर और कर्मचारियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसका परिणाम यह हुआ आज जिले के सभी ग्रामीण जगहों में पुस्तकालय खुल गए हैं। अब तो नीति आयोग ने भी एक्सप्रेशनल जिला के माध्यम से पूर्णिया को चार करोड़ रुपया दिया है, उसमे दो करोड़ 20 लाख रुपये इन पंचायत पुस्तकालयों में खर्च किए जाएंगे। इस राशि से इन सभी पुस्तकालर्यों में बेंच डेस्क कुर्सी सहित अन्य चीजों की सुविधा दी जाएगी।

DM ने बताया कि इस अभियान का जिले के साक्षरता दर को बढ़ाने में भी सकारात्मक असर पड़ा है। इस ‘अभियान किताब दान’ से मिले पुस्तकों से पूर्णिया के मजरा पंचायत में भी पंचायत पुस्तकालय खोले गए। मजरा के ग्रामीणों तथा पुस्तकालय का संचालन करने वाले वालंटियर्स का बोलना है कि इस जगह में पहले पुस्तकालय नहीं थे जिस वजह लोगों को पढ़ने में परेशानी होती थी। परंतु अब DM की पहल पर उनके गांव में भी पुस्तकालय खुल गए हैं। अब वे लोग खेती बारी से वक्त निकालने के बाद हर रोज शाम में 2 घंटा पुस्तकालय आते हैं, जहां वे किताबो को निकालकर पढ़ते हैं। इसके अलावा पेपर एवम मैगजीन भी पढ़ते हैं। इससे लोगों में काफी सकारात्मक असर पड़ रहा है।

स्थानीय ताराकांत मिश्र, पुस्तकालय संचालक रौशन मिश्र, शिक्षक कुमोद ठाकुर , शिक्षा डिपार्टमेंट के ऑफिसर उज्जवल कुमार सरकार ने बताया कि इस पुस्तकालय के खुलने से उन लोगों को काफी लाभ मिल रहा है। पहले वे लोग गांव में जरूरी बैठकर ताश खेलते थे, अब पुस्तकालय आकर पढ़ाई करते हैं। यहां के बच्चों में भी बहुत जागरूकता आई है। वह लोग भी वक्त निकाल कर पुस्तकालय आते हैं और वहां पुस्तक निकालकर पढ़ते हैं। यहां अच्छी-अच्छी किताबे हैं। लोगों ने बताया कि पूर्णिया के DM के इस अभियान को आज पूरे देश में नाम मिला है एवम आज पूर्णिया जिला देश का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां सारे पंचायतों में पुस्तकालय खुल गए हैं। यह बड़ी उपलब्धि है।

अभियान किताब दान’ से खुले पुस्तकालयों का प्रभाव ऐसा हुआ है कि शिक्षा के इलाको मे देशभर में सबसे ज्यादा पिछड़ा क्षेत्र बायसी अनुमंडल में भी शिक्षा की अलख जगा रहा है। बायसी के सुदूर ग्रामीण स्थान चंद्रगामा में जब हम देर शाम पहुंचे तो वहां भी ग्रामीण एवम गांव की लड़कियां पुस्तकालय में बैठकर पुस्तक पढ़ रही थीं। इन लड़कियों ने बताया कि पहले उन लोगों के जगहों में एक भी पुस्तकालय नहीं था। जिस वजह से उन लोगों को पढ़ाई में काफी दिक्कत होती थी। परंतु, आज जब पुस्तकालय खुल गया है तो उन लोगों को काफी लाभ मिल रहा है।

वहीं, ग्रामीणों में बताया है कि अब लोग अपना खाली वक्त पुस्तकालय में आकर बिताते हैं और ज्ञान लेते हैं। उससे इस जगह में साक्षरता दर में भी बढ़ोतरी हो रही है। आज पूर्णिया देश का पहला ऐसा जिला बन गया जहां सारे 230 पंचायतों तथा सात नगर निकायों में पंचायत पुस्तकालय खुल गया है। नीति आयोग ने भी उसके लिए जिला प्रशासन को दो करोड़ रुपए दिया है। पूर्णिया के DM के जरिए चलाया गया अभियान किताब दान एक बड़ा आंदोलन बन कर उभरा है।