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बिहार सरकार द्वारा 16 विभागों को 188 भवनों की सौगात, साथ ही कहा मेंटेनेंस का रखना होगा ध्यान

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गुरुवार के दिन सीएम नितीश कुमार जी के द्वारा 16 विभागों के 188 भवनों का उद्घाटन किया गया। इन 188 भवनों का निर्माण 120239.93 लाख रुपए की लागत से पूरा किया गया। वहीं 16 विभागों के 56 भवनों का शिलान्यास भी किया गया जिसपर कुल 69715.95 लाख रुपये की अनुमानित राशि खर्च की गई। इस दौरान उन्होंने मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललित संग्रहालय के भवन का भी उद्घाटन किया।

सीएम नितीश कुमार जी के द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया गया। उन्होंने बताया कि आज के दिन मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललित संग्रहालय के भवन का उद्घाटन किया गया है। इस संस्थान के द्वारा चित्रकला में सर्टिफिकेट देने के साथ डिग्री कोर्स की शुरुआत होने की जानकारी सीएम द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि यह संस्थान मधुबनी पेंटिंग को व्यवसायिक उपलब्धि दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाने का काम करेगा। यहां महत्वपूर्ण चीजें रखी जाएंगी जिसे लोग देखेंगे, जानेंगे और कई चीजें सीखेंगे।

सन् 2017 में चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मोतिहारी और बेतिया में दो हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले प्रेक्षागृह बनाया जाएगा। इसकी जानकारी सीएम नितीश कुमार ने स्वयं दिया है। उस प्रेक्षागृह का कार्य पूर्ण हो गया है और आज के दिन उसका उद्घाटन किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिले, इसके लिए वाल्मीकीनगर में काम शुरू किया गया है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगल, पहाड़ और नदियां, ये तीनों का एक साथ मिला जुला दृश्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। ऐसा दृश्य पूरे देश में कहीं और नहीं मौजूद हुई। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि सभागार का शिलान्यास किया गया है।

निर्माण किया जा रहा सड़क, पुल, भवन के रखरखाव पर विशेष ध्यान देने का निर्देश सीएम द्वारा दिया गया। इस कार्य के लिए अभियंताओं तथा कर्मियों की जरूरत के अनुसार उनकी भर्ती की जाएगी। इससे रोजगार की संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि अब सरकारी भवनों के निर्माण में फ्लाई ऐश से बनी ईंट का प्रयोग हो रहा है। इसके अलावा आईटीआई, पॉलिटेकनिक संस्थान, छात्र–छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय के साथ अन्य भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है।

जल–जीवन–हरियाली अभियान से संबंधित किए जा रहे कार्यों के कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए सीएम द्वारा अभियंताओं को विशेष रूप से निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सरकारी भवनों में व्यवस्थित रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा का कार्य कराने को कहा गया। रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम होने से वर्षा जल को संरक्षित कर उससे भूजल स्तर भी मेंटेन रहेगा। इसके साथ ही सरकारी भवनों पर सौर प्लेट लगाए जा रहे हैं जिसका उपयोग सरकारी भवनों में किया जा सकता है।