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बिहार सरकार द्वारा सोलर प्लेट लगाने पर प्राप्त होगा अनुदान, जानें पूरी प्रक्रिया

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फिलहाल के लिए भारत में कोयले से बिजली का उत्पादन कर बिजली की कमी को पूरा किया जाता है। वहीं कोयले की कमी से बिजली की कटौती जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है। कोयले की मदद से उत्पादित बिजली से प्रदूषण भी होता है। इसके नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही इसके प्रति लोगों को प्रेरित भी किया जा रहा है। इसी बीच बिहार सरकार द्वारा एक योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत निजी परिसर में सोलर प्लांट लगाने पर लोगों को अनुदान दिया जाएगा। बिहार सरकार की ओर से तीन किलोवाट तक सोलर पावर प्लांट लगवाने पर 65 प्रतिशत और उससे अधिक क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने पर 45 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।

बिहार में कोई भी अपने निजी परिसर में 1 से 10 किलो वाट और हाउसिंग सोसाइटी में 500 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट को स्थापित कर सकता है। इसके लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। 22 जुलाई से साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की वेबसाइट पर आवेदन के लिए लिंक उपलब्ध करा दिया जाएगा।

कंपनी के अधिकारियों के अनुसार केवल 500 रुपए भी देकर व्यक्ति कंपनी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवदेन कर सकते हैं। इसके बाद बिजली कंपनी द्वारा सभी आवदेनों को शार्ट लिस्ट किया जाएगा और फिर सोलर प्लांट लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए वेंडर के चयन की प्रक्रिया जारी है। चयनित वेंडरों के द्वारा 5 वर्ष तक लगाए गए रूफटॉप सोलर प्लांट का रखरखाव किया जाएगा।

अपने निजी परिसर में 1 किलोवाट का प्लांट लगाने पर खर्च हुए 46 हजार 923 रूपए में 65 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। वहीं 1 से 2 किलोवाट में खर्च हुए 43 हजार 140 रुपए में 65 प्रतिशत का अनुदान, 2 से 3 किलोवाट पर खर्च हुए 42 हजार 020 रुपये में 65 प्रतिशत का अनुदान, 3 से 10 किलोवाट में खर्च हुए 40 हजार 991 रुपये में 45 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।

वहीं हाउसिंग सोसाइटी में 1 किलोवाट पर 46 हजार 923 रुपये के खर्च पर 45 प्रतिशत, 1 से 2 किलोवाट पर 43 हजार 140 रुपये के खर्च पर 45 प्रतिशत, 2 से 3 किलोवाट पर 42 हजार 020 रुपये के खर्च पर 45 प्रतिशत, 3 से 10 किलोवाट पर 40 हजार 991 रुपये के खर्च पर 45 प्रतिशत, 10 से 100 किलोवाट पर 38 हजार 236 रुपये के खर्च पर 45 प्रतिशत, 100 से 500 किलोवाट पर 35 हजार 886 रुपये के खर्च पर 45 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।