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बिहार सरकार द्वारा निजी तालाब मालिकों को की जाएगी सहायता, जाने दो किस्‍तों में कितने रुपए मिलेंगे

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बिहार राज्य में काफी अधिक मात्रा में मत्स्य का उत्पादन किया जाता है। बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न योजनाओं की वजह से मत्स्य पालन करने वाले लोगों के बीच जागरूकता फैली है। इस पहल से निजी क्षेत्र के तालाबों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। वहीं बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ और अन्य कारणों की वजह से मत्स्य उत्पादन पर इसका बुरा असर होता है। यह बात
उपमुख्यमंत्री और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022–23 में निजी क्षेत्र के तालाबों के जीर्णोद्धार योजना को लेकर मंजूरी दे दी गई है। इसपर लगभग तीन करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए योजना सात निश्चय-2 के अंतर्गत आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों के प्रसार और मछली के उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से इस योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022–23 में इस योजन के तहत 150 हेक्टेयर निजी तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा। इस कार्य के लिए अनुदान के रूप में 301 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि निजी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए अन्य वर्गों को 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं अति पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत दो किस्त में इस अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा।

बिहार सरकार द्वारा पशुपालकों और मत्स्य पालकों के जीवन शैली को बेहतर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। तालाब जीर्णोद्धार के माध्यम से तालाबों की जलधारण क्षमता में वृद्धि लाया जाएगा। इसके साथ ही बिहार में मत्स्य पालकों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बिहार में निजी तालाब जीर्णोद्धार की कोई योजना शुरू नहीं थी। इस योजना को लेकर मंजूरी मिलने से आत्मनिर्भर बिहार के संकल्प को पूरा करने में यह योजना काफी कारगर होगा।