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बिहार: मोनोपोल तकनीक पर बनकर तैयार हुआ भुसौला ग्रिड, 10 लाख की आबादी को मिलेगी निर्बाध बिजली; पढ़ें इसकी खासियत

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पटना AIIMS स्थित पहला ग्रिड 220/33 KVA का भुसौला मोनोपोल तकनीक पर बना कर तैयार किया गया है। यह ग्रिड सिटी की 10 लाख आबादी को बिना किसी बाधा के बिजली देगी। उससे सात से आठ अधीनस्थ स्टेशन को बिजली प्रदान की जाएगी। विशेषतः उससे भुसौला, भुसौला ग्रामीण, AIIMs हॉस्पिटल, फुलवारी, वाल्मी, अनीसाबाद, खगौल, चितकोहरा जगहों की बिजली आपूर्ति को ठीक किया जाएगा। भुसौला ग्रिड के चालू होने से सिटी के दो बड़े ग्रिड खगौल एवं जक्कनपुर को सख मिल जाएगी।

उसका लोड सौ मेगावाट घट जाएगा। दोनों ग्रिड 1/2 सामर्थ्य के सहित ऑपरेट होंगे। AIIMs को उससे डेटिकेडेट फीडर दिया जाएगा, जबकि AIIMs को बिजली की दिक्कत नहीं झेलनी पड़े। भुसौला के समीप क्रॉसिंग का कार्य करवाया जा रहा है। यह ग्रिड पॉसिबल हो 31 मई तक आरंभ हो जाए। AIIMs की ओर शीघ्रता से नई आबादी बसने एवं मार्केट डेवलप होने के वजह से बिजली की डिमांड में में बेहद बढ़ोतरी हो रही है। घर, अपार्टमेंट से लेकर मॉल का निर्माण करवाया जा रहा है। उसको देखते हुए भुसौला ग्रिड को भी बनाया गया है।

भुसौला ग्रिड की सामर्थ्य दो सौ MVA की है। उससे 150 मेगावाट बिजली रिकाउपमेंट हो सकेगी। उसमे दो पावर ट्रांसफार्मर है। इसकी कैपेसिटी 100-100 MVA की है। इसकी विषेश फीचर यह होगी कि यदि एक ट्रांसफार्मर में कोई दिक्कत आई तो ग्रिड बंद नहीं होगा। डबल सर्किट लाइन का ग्रिड है। कम जगह में बनाया गया है। भुसौला ग्रिड हाईटेक है। अब तक जो ग्रिड तैयार होते थे, वह 220/132/33 KVA के थे। यह ग्रिड 220/33 KVA का तैयार हुआ है।

पटना AIIMs डेटिकेटेड फीडर, भुसौला जीआईएस, भुसौला ग्रामीण, वाल्मी, खगौल, फुलवारी, अनीसाबाद, चितकोहरा जीआईएस। यह सारे 33 हजार लाइन है। उससे कनेक्टेड इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर को अनवरत बिजली मिलेगी।