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बिहार में ‘IITian चायवाला’: 10 फ्लेवर में मिलती है चाय, 4 दोस्तों ने 4 सेंटर बनाए; हर दिन 6 हजार की कमाई

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वाह क्या चाय है। हर चुस्की लाजवाब। टेस्ट ऐसा कि यहां दोबारा आए बिना रहा नहीं जाता’। भोजपुर की एक टी स्टॉल पर आने वाले लोगों का यही कहना है। यहां 10 प्रकार के फ्लेवर में चाय मिलती है। स्टॉल चलाने वाले कोई नॉर्मल नहीं हैं बल्कि, देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज IIT के स्टूडेंट हैं। दरअसल, IIT के चार स्टूडेंट्स ने मिलकर ‘IITian चायवाला’ नाम से नया स्टार्टअप आरंभ किया है। चारों दोस्त हैं तथा पढ़ाई के समय ही अपने स्टार्टअप से हर दिन लगभग 6 हजार की कमाई करते हैं। पूरे बिहार में चार सेंटर पर इनकी चाय मिलती है।

‘IITian चायवाला’ खोलने वाले भोजपुर जिले के गोपालपुर गांव के रणधीर कुमार हैं। नगर की हृदयी स्थली रमना मैदान के समीप इनकी टी स्टॉल है। रणधीर कुमार IIT मद्रास में बीएसएसी फर्स्ट इयर के स्टूडेंट हैं। इन्होंने अपने तीन दोस्तों अंकित, इमाद शमीम एवम सुजान कुमार के साथ मिलकर टी स्टॉल की ओपनिंग की है। बाकी तीनों दोस्त भी अलग-अलग IIT के स्टूडेंट हैं। तीनों की दोस्ती इंजीनियरिंग की प्रिपरेशन के दौरान कोचिंग में हुई थी। पढ़ाई करते ही दोस्तों ने फ्यूचर में कुछ अलग करने का फैसला लिया था, उससे कुछ लोगों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना सकें

IITian टी स्टॉल पर एक नहीं बल्कि दस फ्लेवर में चाय मिलती है। इनमें नींबू, आम, संतरा, पुदीना, ब्लूबेरी जैसे स्वाद हैं जो लोगों को बेहद पसंद आ रहा है। टी स्टॉल 16 वर्ग फिट में पहिए पर इस प्रकार से डिजाइन की गई है कि चाय से लेकर सभी आवशयक का सारा सामान इसमें समा जाए। बिहार में IITian टी स्टॉल के नाम से अब चार सेंटर हो गए हैं। उसमे रमना मैदान (आरा), बामपाली (आरा), बोरिंग रोड(पटना) और पटना के ही गोला रोड में स्थित सेंटर सम्मिलित हैं। यहां एक कुल्हड़ चाय की कीमत 10 रुपए है। दिनभर की कमाई लगभग 6 हजार तक होती है।

यहां आने वाले कस्टमर का कहना है कि तंदूर चूल्हे से निकली गर्म लाल कुल्हड़ में जब फ्लेवर्ड चाय उढेली जाती है तो इससे निकला स्वाद उदास मन को ताजगी से भर देता है। रणधीर अपने स्टार्टअप से इतना खुश हैं कि देशभर में 300 से अधिक स्टॉल खोलने के इरादा रखते हैं। इस स्टार्टअप से उनकी पढ़ाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। यह तो केवल एक विचार था। हर स्टॉल पर चार स्टाफ कार्य करते हैं। रणधीर तथा उनके दोस्त अपने पढ़ाई में लगे हैं। बाकी सभी कार्य उनके स्टाफ संभालने का काम करते है। रणधीर को उनके पिता का भी पूरा साथ मिलता है। वे भी मॉनिटरिंग करते रहते हैं ।

इस स्टार्टअप पर रणधीर कहते है कि किसी भी तरीके का बिजनेस किया जा सकता था। परंतु हम लोग मध्यम वर्ग से आते हैं इसी के हेतु कोई बड़ा बिजनेस नहीं कर सकते थे। पॉकेट मनी बचाकर इस व्यापार को शुरू किया है और इसका ROI (Return on investment) भी काफी अच्छा है। उन्होंने बताया कि इस स्टार्टअप को हमने पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा है क्योंकि हम लोगों का लक्ष्य था कि पर्यावरण संरक्षण स्टार्टअप क्यूट लील फॉरेस्ट (छोटा खूबसूरत जंगल) बनाने में सहायता करे। इस स्टार्टअप में फंड में कमी होने वजह से हम लोगों ने टी-स्टॉल खोलने का फैसला लिया ।

पार्क या घर के गार्डन में लगाने के हेतु हम लोग फ्री में सैंपलिंग (छोटा पौधा) लगाने का कार्य करेंगे। चाय पीने के बाद वेस्ट कुल्हड़ को हाई प्रेशर पानी से रिफांइड किया जाएगा। फिर उसमे पौधा लगाकर उसे ट्रांसप्लांट किया जाएगा। टी-स्टॉल पर पर्यावरण के हिसाब से प्लास्टिक कप का उपयोग नहीं किया जाता है।