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बिहार में 8388 करोड़ की लागत से बरौनी यूरिया कारखाना बनकर तैयार, जानें किस महीने शुरू होगा उत्पादन

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बिहार के बरौनी खाद फैक्ट्री में 8388 करोड़ धनराशि की लागत से इस वर्ष के अगस्त माह तक प्रोडक्शन आरंभ होने की पॉसिबिलिटी है। राज्यसभा में मंगलवार को भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के जवाब में केमिकल एंड फर्टिलाइजर स्टेट मिनिस्टर भगवंत खूबा द्वारा बताया गया कि बिहार के बरौनी में प्रतिष्ठित हो रहे यूरिया खाद फैक्ट्री की टोटल लागत 8388 करोड़ है। उसमे से 75 परसेंट राशि खर्च की जा चुकी है।

अगस्त 2022 तक फैक्ट्री के आरंभ होने का अनुमान है। मोदी के एक अन्य वार्तालाप में सेंट्रल मिनिस्टर द्वारा बताया गया कि पूरे देश में नैनो यूरिया के 6 राज्यों में 8 जगहों पर कारखाना एस्टेब्लिश किए जा रहे हैं। यहां 48 करोड़ बोतल (500 ml) हर वर्ष प्रोडक्शन होगा। बिहार के बारे में पूछेजाने पर सेंट्रल मिनिस्टर ने बताया कि फिलहाल में बिहार में नैनो यूरिया प्लांट लगाने का कोई प्रस्तावना नहीं है।

बेगूसराय के सांसद एवं सेंट्रल मिनिस्टर गिरिराज सिंह ने बीते दिनों बरौनी उर्वरक का सर्वे किया था। बरौनी खाद फैक्ट्री की कैपेसिटी 1.27 मिलियन मैट्रिक टन वार्षिक है। पहले मार्च 2021 फिर नवंबर 2021 में प्रोडक्शन का उद्देश रखा गया था। जबकि , दोनों बार कोरोना महामारी और रॉ मटेरियल की सप्लाई में कमी के कारण से वक्त से कार्य पूरा नहीं हुआ, परंतु एक बार फिर अब आशा जगी है। अगस्त 2022 से बरौनी खाद फैक्ट्री से यूरिया का ना केवल प्रोड्यूस होगा, जबकि मार्केट में भी आ जाएगा।

बरौनी फैक्ट्री से यूरिया प्रोड्यूस होने से किसानों को बेहद लाभ मिलने की उम्मीद है। सेंट्रल मिनिस्टर गिरिराज सिंह द्वारा बताया गया कि अब तक बरौनी फर्टिलाइजर में लालू यादव एवं अन्य लोगों ने सिला पट्ट लगाने का कार्य अवश्य किया, परंतु आज तक फैक्ट्री आरंभ नहीं हुआ। अब सेंटर की मोदी सरकार ने इसे न केवल शिलान्यास किया, हालाकि अब शुभारंभ के समीप भी पहुंच गया है।