Connect with us

BIHAR

बिहार में 480 किमी लंबी एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण, साथ ही गंगा नदी पर 18 पुलों का निर्माण

Published

on

WhatsApp

शुक्रवार के दिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री नितीश कुमार के द्वारा गंगा नदी पर बने रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन किया गया। साथ ही बेगूसराय–खगड़िया जिले के साथ मुंगेर का संपर्क स्थापित किया गया। शिलान्यास के 20 साल बाद लोगों ने सड़क पुल पर गाड़ियां दौड़ाईं। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार बढ़ेगा तो देश बढ़ेगा। देश की तरक्की में बिहार का अहम योगदान होगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा जिसमें बिहार में 480 किमी एक्सप्रेसवे बनेगा। इसके लिए डीपीआर बन गया है।

पुल निर्माण की स्वीकृति मुंगेर के लोगों के लिये उत्साह का मौका था। पुल चालू होना यहां के लोगों के सपने सच होने जैसा है। बिहार सरकार ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को बिहार की परियोजनाओं को विस्तार से साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। इस पुल के निर्माण में कई कठिनाइयां आयीं। खासतौर पर टोपेलैंड पर बसे लोगों को विस्थापित होने का। इसलिये कैबिनेट से मंजूर कर 5800 करोड़ का पैकेज दिया ताकि दूसरी जगह घर बनाकर रह सकें। संपर्क पथ निर्माण में मुंगेर के लोगों के सहयोग के लिये सीएम ने धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। सड़कों पर इतना काम हुआ कि बिहार के किसी भी कोने से पांच से छह घंटे में पटना पहुंचा जा सकता है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जिस कार्य का शुभारंभ वर्ष 2002 में किया उस कार्य को पूरा कर लिया गया है। राज्य में यह तीसरा सबसे बड़ा रेल-सह-सड़क पुल है। बिहार में गंगा नदी पर 18 पुलों का निर्माण कर रहे हैं। पटना में महात्मा गांधी सेतु पर काम चल रहा है। इन सभी पुल तैयार होने से उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित अन्य राज्यों के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि विक्रमशिला के समानांतर पुल दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बिहार में बन रहे तथा बनने वाले विभिन्न पुल, एप्रोच पथ सहित फोरलेन व सिक्स लेन जैसे पथों के बारे में काफी विस्तार से बताया। साथ ही कहा कि मुंगेर से मिर्जाचौकी तक बनने वाले फोरलेन पर 7800 करोड़ खर्च होगा।

मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि वर्ष 2007 में गन्ना से इथेनॉल उत्पादन के लिये 21 हजार करोड़ का प्रस्ताव मिला था। उन समय कुछ संशोधन कर केंद्र सरकार को भेजा गया जिसपर मंजूरी नहीं मिली। इस कारण उत्पादन नहीं हो पाया। प्रारंभ में ही उत्पादन की अनुमति मिलती तो बिहार को काफी फायदा होता। अब तक 29 इकाइयों ने आवेदन दिया है, जिनकी उत्पादन क्षमता 187 करोड़ लीटर वार्षिक है। केन्द्र सरकार ने 17 इकाइयों को अनुमति दी है, जिसकी उत्पादन क्षमता 35.28 करोड़ लीटर है। बिहार में तीनों सीजन में मक्के का उत्पादन होता है। इसलिये केन्द्र को यहां और अधिक इथेनॉल के उत्पादन और क्रय की अनुमति देनी चाहिये, ताकि यहां उत्पादित इथेनॉल अन्य प्रदेशों में भी काम आ सके। वार्षिक क्रय कोटा 125 करोड़ लीटर करवाने के प्रयास के लिये मुख्यमंत्री ने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन को धन्यवाद दिया।