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बिहार में 31.5 % परिवारों का ही बना Ayushman card, बिना कार्ड के भी करवा सकते हैं इलाज

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बिहार में आयुष्मान भारत योजना के जरिए 34 लाख फैमिली का आयुष्मान कार्ड बनवाया गया है। राज्य में केंद्र व राज्य सरकार की इस उच्चकाछी प्लान के जरिए पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध की जा रही है। हैल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक़, राज्य में 1 करोड़ 08 लाख 85 हजार लाभुक परिवारों को आयुष्मान भारत प्लान के जरिए स्वास्थ्य फैसिलिटीज उपलब्ध करवाई जानी है। सारे लाभुक परिवारों और लोगों को बीमार होने पर बिना कार्ड के भी फोरन इलाज की सुविधा प्रदान कराने के निर्देश सारे अस्पतालों को दिए जा चुके हैं।

राज्य में कुल लक्ष्य का अबतक 31.5 प्रतिस्त परिवारों को ही इस प्लान से जोड़ दिया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक़, राज्य में अभी फिलहाल 73 लाख 20 हजार लोगों को आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) दिया जा चुका है। राज्य में आयुष्मान भारत योजना के जरिए कुल लक्षित परिवारों के कुल 5 करोड़ 50 लाख लोग लाभुक हैं। इन लोगों को लगातार आयुष्मान भारत प्लान के जरिए पंजीकृत सरकारी एवं निजी अस्पतालों में हेल्थ फैसिलिटीज प्रदान की जा रही है।

कोरोना के वजह से धीमी हुई नये कार्ड जारी करने की कार्रवाई
विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण के वजह से नये आयुष्मान कार्ड प्रदान करने की प्रॉसेस धीमी हुई है। राज्य में आयुष्मान भारत प्लान 27 सितंबर 2018 से लागू है। कोरोना महामारी के आयुष्मान कार्ड बनवाने को लेकर लोगो को सजग किया जा रहा था और उसके वजह से नये कार्ड जारी करने की प्रॉसेस तेज होगी थी। फिलहाल के दिनों में नये कार्ड जारी करने की प्रॉसेस धीमी हुई है।

डिपार्टमेंट के अनुसार राज्य में आयुष्मान भारत योजना के सारे लाभुक परिवारों एवं लोगो को बीमार होने पर बिना कार्ड के भी तत्काल उपचार की सुविधा प्रदान कराने का निर्देश सारे अस्पतालों को दिया जा चुका हैं। लाभुकों के उपचार के हेतु अस्पताल पहुंचने पर हॉस्पिटल के द्वारा तुरंत आयुष्मान कार्ड जारी कर ट्रीटमेंट स्टार्ट करना होगा। इन्हें फोरन आयुष्मान कार्ड जारी करने के हेतु सारे पंजीकृत अस्पतालों को लॉगिन-पासवर्ड दिया गया है।