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बिहार में हुई क्रोमियम सिल्वर के भंडार की खोज, खनन प्रक्रिया की होगी शुरुआत

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बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के देजना में क्रोमियम सिल्वर धातु की खोज हुई है। दरअसल इस धातु का उपयोग हवाई जहाज के निर्माण में किया जाता है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा किए गए सर्वे में इस भंडार की खोज की गई है। इसके खनन के लिए बिहार सरकार द्वारा खनन कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेंडर प्रक्रिया के पश्चात खनन कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा।

बिहार सरकार द्वारा जल्द ही क्रोमियम के खनिज ब्लॉक से खनन की शुरुआत होगी। इस बात की जानकारी औरंगाबाद जिले के जिला खनन पदाधिकारी द्वारा दी गई है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। साथ ही टेंडर के लिए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि औरंगाबाद के मदनपुर के देजना में जमीन के अंदर अधिक मात्रा में क्रोमियम का भंडार मौजूद है। इस क्षेत्र में 8 वर्ग किमी में क्रोमियम के भंडार की खोज की गई है जिसका खनन जल्द ही कराया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही काम शुरू होने के आशा है।

विगत दिनों केंद्रीय खान मंत्रालय द्वारा बिहार को चार खनिज ब्लॉक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें से एक क्रोमियम और दूसरा पोटेशियम का है। ये खान रोहतास, गया एवं औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। इस मामले में खनिज सर्वे के दस्तावेज केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा बिहार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम को सौंपी गई थी। वहीं केन्द्र द्वारा 14 राज्यों को विभिन्न खनिजों के 100 ब्लॉक की जिम्मेदारी सौंपते हुए जल्द ही इसकी नीलामी कराने का आग्रह किया गया था। इसी आलोक में निविदा की प्रक्रिया शुरू की गयी है।

क्रोमियम सिल्वर एक सफेद रंग का धातु है जिसमें हल्के नीले रंग की झलक मौजूद होती है। क्रोमियम एक कठोर और जंग रोधक धातु है जिसका इस्तेमाल हवाई जहाज और मोबाइल के निर्माण में भी किया जाता है। इस्पात में क्रोमियम धातु की मिलावट करने के पश्चात इस्पात जंगरोधी हो जाता है और इस्पात पर धब्बे भी नहीं लगते हैं। इसी वजह से स्टेनलेस स्टील के निर्माण में भी क्रोमियम का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं क्रोमियम की हल्की मात्रा मानव शरीर को आहार में जरूरत होती है। परंतु इसकी अधिक मात्रा मानव शरीर के लिए हानिकारक होता है।