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BIHAR

बिहार में सरकारी से तीन गुना अधिक है निजी नलकूपों की संख्या, जानिए कितना दिया गया अनुदान राशि

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सरकार के द्वारा पात्रता और भुगतान के तरीके में बदलाव किया गया था। योजना में बदलाव के बाद निजी नलकूपों की संख्या सरकारी से तिगुनी अधिक हो गई। केवल तीन साल में 35 हजार से अधिक किसानों ने योजना का लाभ लेकर अपना नलकूप लगवा लिया। सरकार ने इन किसानों को लगभग 80 करोड़ के अनुदान दिये गए हैं। इसमें से लाभुक किसानों में 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति के हैं।

सरकार ने जब बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना बनाई थी तो निजी नलकूप लगाने वाले वैसे किसानों को ही अनुदान मिलता था जिनके पास कम से कम एक एकड़ जमीन हो। वहीं राज्य में एक एकड़ से कम जमीन वाले किसानों की संख्या 82.9 प्रतिशत है। ये सभी किसान सरकार की इस योजना से वंचित हो जाते थे। लघु जल संसाधन विभाग ने गत वर्ष योजना की पात्रता में बदलाव कर जमीन की जरूरत को मात्र 40 डिसमिल कर दिया है। साथ ही भुगतान और आवेदन के ऑनलाइन व्यवस्था करने का फैसला भी किया गया।

22 नवंबर 2018 से सरकार ने योजना के लिए आवेदन लेना शुरू किया था। लगभग साढ़े तीन साल में 35 हजार से अधिक किसानों ने लाभ लिया। इस योजना के तहत चार से छह इंच व्यास वाले नलकूप लगाये जाते हैं। छिछले नलकूप 15 से 70 मीटर तक गाड़े जाते हैं। इसमें सरकार 328 रुपये प्रति मीटर की दर पर अनुदान देती है। अधिकतम 15 हजार रुपये एक किसान को मिल सकता है।

70 मीटर से अधिक सौ मीटर तक के लिए नलकूप के लिए 597 रुपये प्रति मीटर की दर से अनुदान मिलता है। इसके तहत अधिकतम 35 हजार रुपये तक किसान ले सकते हैं। इसके अलावा पंपसेट खरीदने के लिए भी सरकार से दस हजार रुपये तक का अनुदान मिलता है। आवेदन भी ऑनलाइन करना होता है और पैसा भी डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में भेजा जाता है। राज्य में कुल 11242 सरकारी नलकूप हैं जिसमे से 35564 निजी नलकूप हैं।यहां एक नलकूप से 250 हेक्टेयर में सिंचाई होती है।