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BIHAR

बिहार में भिन्न-भिन्न श्रेणियों में बांटा जाएंगे पुल, रखरखाव के हेतु सरकार ने तैयार की नीति

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राज्य के पुल-पुलियों के अच्छे रखरखाव की नीति बना कर तैयार की गई है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की तरफ से बनाई की गई इस नीति को शीघ्र ही राज्य मंत्रिमंडल में ले आया जाएगा। ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी के माध्यम पर बिहार के पुलों का हेल्थ कार्ड बनवाया गया है। बड़े, स्तर व छोटे स्तर में भिन्न भिन्न तरीके से बांटकर पुलों का देख हिफ़ाज़त करवाया जाएगा ताकि कोई भी पुल वक्त से पहले डैमेज न हो। पुलों के हिफ़ाज़त की नीति बनवाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है।

बीते साल बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के स्थापना दिवस अवसर में सीएम नीतीश कुमार द्वारा पाथ के साथ ही पुल-पुलियों की भी मेंटेनेंस की बात कही थी। मुख्यमंत्री ने बताया था कि रेलवे की प्रकार से पुलों के हेतु भी डिफरेंट से विंग बनाया जाए। पथ टूट जाने पर आवागमन में दिक्कतें हो सकती है, परंतु, फिर भी पुल-पुलिया टूट जाए तो बेहद परेशानी हो सकता है। इसी के हेतु यह आवश्यक है कि पुलों का शानदार देखभाल हो। पुल निर्माण के बाद उसे छोड़ नहीं दिया जाए हालाकि उसकी नियमित जांच हो।

मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में ही निगम ने पुल नीति निर्माण की कवायद आरंभ की थी। अब पुलों के हिफ़ाज़त के हेतु नीति का बनवाने करीब संपन्न कर लिया गया है। इसी नीति में पुलों के हिफ़ाज़त के हेतु ख़ास प्रभाग (डिविजन) बनवाया जाएगा। मुख्य इंजीनियर इस डिविजन के हेड होंगे। उसके साथ ही अधीक्षण इंजीनियर, कार्यपालक इंजीनियर , मददगार इंजीनियर एवं कनीय इंजीनियर की टीम होगी।

टीम के इंजीनियर नियमित तौर पर पुल-पुलियों की जांच करेंगे। रिसर्च सिर्फ कागजों पर ही नहीं, हालाकि वीडियो व पिक्चर के साथ होगी। जहां भी उन्हे गड़बड मिलेगी, वे उसको तत्काल सूचना डिपार्टमेंट को देंगे। अगर हिफ़ाज़त में कोताही बरती गई तो उसे चिह्नित कर डिपार्मेंट सख्त कार्रवाई भी करेगा। हर पुल का हेल्थ कार्ड होगा। उसमे पुल का संपन्न इतिहास होगा। उसी के आधार पर पुलों का हिफाज़त होगा। पुलों के स्वास्थ्य के आधार पर ही ट्रैफिक को प्रतिबद्ध किया जाएगा।

वर्ष 2005 से लेकर अभी तक राज्य में 6210 पुलों का बनवाने का कार्य किया गया है।उसमे 21 मेगा पुल हैं। हालाकि 1171 पुल 60 मीटर लंबे हैं। वहीं 5018 पुल 60 मीटर से कम विस्तार के हैं। राज्य के अधीन सदाबहार सड़क व्यवस्था उपलब्ध कराने के लक्ष्य से सीएम सेतु निर्माण प्रोजेक्ट की आरंभ हुई। इसके अंतर्गत 5143 पुल-पुलियों का निर्माण करवाया गया। वहीं निर्माणाधीन पुलों में अभी सुल्तानगंज-अगुवानी घाट, कच्ची दरगाह-बिदुपुर, बख्तियारपुर-ताजपुर पुल सम्मिलित हैं। उसके अतिरिक्त सत्तरघाट पुल में 100 मीटर चौड़ाई में वाटर-वे, कोसी नदी पर मानसी-सहरसा के मध्य पुल को बनवाया जाएगा । हालाकि, सोन नदी पर पांडुका में 205 करोड़ धनराशि की लागत से पुल निर्माण होने हैं।