BIHAR
बिहार में बालू खनन की बंदी के 11 दिन बाद बालू की कीमत हुई दुगुनी, भवन निर्माण में लागत बढ़ने से लोग परेशान
फिलहाल कुछ समय के लिए खनन पर रोक लगा दी गई है। रोक लगाने के 11 दिनों में ही बालू की कीमत में दोगुनी वृद्धि हुई है जिसका प्रभाव भवन निर्माण सेक्टर पर पड़ा है। वहीं निजी भवनों के निर्माण की लागत बढ़ने से लोग परेशान हैं। दूसरी ओर खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा बिहार में 16 करोड़ सीएफटी बालू के भंडारण का दावा किया है जिसे दिसंबर 2022 तक के लिए खपत को देखते हुए पर्याप्त बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और एनजीटी के गाइडलाइन के अनुसार सितंबर महीने तक बालू खनन पर रोक लगाया गया है। नए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर सभी नदी घाटों की नये सिरे से बंदोबस्ती की जाएगी। इसके पश्चात बालू का खनन नए बंदोबस्तधारी द्वारा शुरू किया जाएगा।
डीएसआ का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और साथ ही इसके लिए मंजूरी भी मिल गई है। इसके आधार पर जिला प्रशासन के माध्यम से नदी घाटों की बंदोबस्ती की जाएगी। खबर के अनुसार बालू का खनन बंद होने से पूर्व ही सरकारी विभागों को निर्माण कार्यों हेतु बालू का भंडारण करने के लिए कहा गया था। इसी वजह से सरकारी विभागों के पास पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध है। वहीं निजी भवन के निर्माण के लिए जरूरत के हिसाब से बालू की खरीदारी कर उसका उपयोग करते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि उनके पास बालू के भंडारण के लिए उतनी जगह मौजूद नहीं है। इसी कारण की वजह से उन्हें बालू की कीमत में वृद्धि होने से अधिक परेशानी होती है।
बिहार में बालू के लगभग 200 खुदरा विक्रेता हैं। इसकी जानकारी खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा दी गई। इन लोगों ने बालू के खनन पर रोक लगाने से पूर्व ही बालू का भंडारण कर लिया था। इन सभी के पास लगभग 16 करोड़ सीएफटी बालू उपलब्ध है। ई–चालान कटवाकर इनके माध्यम से बालू की बिक्री की जा रही है। विगत वर्ष के जुलाई महीने में बालू की कीमत में तीन से चार गुना की वृद्धि हुई थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार के निर्देश पर चार जिलों के डीएम द्वारा अपने जिले में बालू की कीमत को निर्धारित किया गया था। इसके अनुसार पटना जिला में जिलास्तरीय समिति द्वारा 4528 रुपये प्रति 100 घन फीट का दर निर्धारित किया था जिसमें से 300 रूपए लोडिंग चार्ज, लाइसेंसधारियों का पांच प्रतिशत कमीशन शामिल था।