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बिहार में देश के चौथे फूड लैब की होगी शुरुआत, भारत-नेपाल व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

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बिहार में फूड के जांच के लिए फूड लैब उपलब्ध नहीं है। इसलिए बिहार के व्यापारियों को भोजन सामग्रियों की जांच के लिए बंगाल जाना पड़ता था। इस कमी को दूर करने के लिए बिहार में फूड लैब की शुरुआत की जा रही है। रविवार के दिन बिहार राज्य के रक्सौल में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चौथा फूड लैब की शुरुआत की जाएगी जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा किया जाएगा। बिहार के अतिरिक्त तीन फूड लैब और भी हैं जो कोलकाता, गाजियाबाद और मुंबई में स्थित हैं।

लैब में पेय पदार्थों के सैंपल की मानक के अनुरूप जांच की जाएगी जिसकी जानकारी लैब के अधिकारियों द्वारा दी गई है। इस लैब में सब्जी, फल, गेहूं, चावल के अतिरिक्त तेल और अन्य लिक्विड पदार्थों की भी जांच की जा सकेगी। शुरुआती समय में बिहार से नेपाल में निर्यात वाले पदार्थों की जांच की जाएगी। इसके पश्चात राज्य भर के नमूने के जांच की जाएगी।

इससे पूर्व बिहार से निर्यात होने वाले खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच करने के लिए कोलकाता भेजना पड़ता था। इन पदार्थों की जांच प्रक्रिया में 15 से 30 दिनों का समय लग जाया करता था। जांच सर्टिफिकेट के कमी की वजह से भारत और नेपाल के बीच आयात और निर्यात होने वाले खाद्य पदार्थों के ट्रक को कई दिनों तक बॉर्डर पर खड़े रहना पड़ता था। कई बार ऐसा भी हुआ कि सैंपल रास्ते में ही खराब हो जाता था। इस फूड लैब की शुरुआत होने के पश्चात इस क्षेत्र में खाद्य और पेय पदार्थों के औद्योगिकरण को बढ़ावा मिलेगा। जांच सर्टिफिकेट मिलने से बिजनेस भी बेहतर होगा।

नेपाल द्वारा भारत के झूलाघाट, जौलजीबी, धारचूला, बलुवाकोट, ब्रह्मदेव और बनबसा की सीमाओं से खाद्य पदार्थों को निर्यात किया जाता है। इन खाद्य पदार्थों में चावल, गेहूं, दाल, तेल, सेव, सब्जी सब्जियां, चीनी, सीमेंट, कपड़ा और रेडीमेड कपड़े जैसे चीज शामिल हैं। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक का आवागमन बिहार से नेपाल और नेपाल से बिहार होते रहता है।