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बिहार में जमीन रजिस्ट्री के लिए नही होगी परेशानी, दलालों से भी मिलेगा छुटकारा; जाने पूरी प्रक्रिया

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बिहार में जमीन या फ्लैट की खरीद करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। बिहार सरकार के द्वारा डीड को मॉडल बना दिया है जिसके बाद दलालों के हस्तक्षेप के बिना भी रजिस्ट्री कार्यालय में जाकर अपना काम करवा सकते हैं। इससे पूर्व दलालों की सहायता से बिहार के निबंधन कार्यालयों में दस्तावेजों के रजिस्ट्री की जाती थी। इसकी वजह से लोगों द्वारा रजिस्ट्री कराने पर रजिस्ट्री और स्टांप शुल्क के अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ता है। बिहार सरकार द्वारा इस त्रुटि को खत्म कर दिया गया है। निबंधन विभाग द्वारा मॉडल डीड के माध्यम से रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध कराई गई है जिसकी वजह से दलालों से छुटकारा मिल जाएगा।

लोगों को आसानी से रजिस्ट्री फी जमा करने से लेकर अन्य जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही लोगों को सारी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुफ्त में ही डीड का प्रींट आउट भी मिल जाएगी। बिहार सरकार द्वारा पटना के साथ अन्य 102 रजिस्ट्री ऑफिस में इस सुविधा की शुरुआत की गई है। लोगों को मिलने वाली नई सुविधा में कातिब के लिए इधर- उधर भटकना नहीं पड़ेगा। निबंधन आयुक्त कार्तिकेय धनजी द्वारा बताया गया कि मॉडल डीड की शुरुआत की गई है। इस डीड की भाषा हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू में है। सेल डीड,पार्टनरशीप डीड के साथ अन्य प्रकार के डीड को मॉडल बनाया गया है।

ग्राहकों को एनजीडीआरएस के माध्यम से एसएमएस या इ-मेल अलर्ट दिया जाएगा। इसके अलावा लोगों को शिकायत करने के साथ उसे ट्रैक करने को सुविधा भी दी जाएगी। एनजीडीआरएस एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जिसे भारत सरकार के द्वारा विकसित किया गया है। वहीं वर्तमान में निबंधन विभाग निजी कंपनी आइएलएफएस द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर पर रजिस्ट्री कर रही है।

वर्तमान में ग्राहकों को स्वयं ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्री के लिए http://nibandhan.bihar.gov.in/modeldeed_new.aspx पर मॉडल रजिस्ट्री के फॉर्म को भरकर उसे अपलोड करना है। इसके पश्चात रजिस्ट्री शुल्क की गणना के लिए दूसरी वेबसाइट http://bhumijankari.bihar.gov.in/Admin/MVR/MVRParameter.aspx या फिर May I Help You काउंटर से मदद ले सकते हैं। इसके पश्चात अप्वाइंटमेंट की प्रक्रिया की जाती है। वहीं एनजीडीआरएस पर एक बार में ही ऑनलाइन एंट्री से लेकर वैल्यूएशन, अप्वाइंटमेंट लेने की पूरी प्रक्रिया की जा सकेगी।

निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी द्वारा बताया गया कि कातिबों पर ग्राहकों की निर्भरता कम करने के लिए मॉडल डीड की व्यवस्था की गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था का पॉजिटिव परिणाम भी देखने को मिल रहा है। एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर लागू होने के पश्चात रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी। लोगों की सुविधा और राजस्व को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया जा रहा है।