BIHAR
बिहार में जमीन की रजिस्ट्री कराना अब बिल्कुल आसान, न किसी की चिरौरी और न नजराना देने की आवश्कता
बिहार में अब जमीन की रजिस्ट्री कराना बहुत आसान हो गया है। भूमि रजिस्ट्री कराना आम तौर पर बेहद महंगा सौदा माना जाता है। बिहार में इसके हेतु सरकार के लेवल से भी अधिक शुल्क लगता है, तो रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी बिना चढ़ावा लिये कार्य को आगे नहीं बढ़ाते हैं। हालाकि जमीन रजिस्ट्री के हेतु डॉक्यूमेंट्स तैयार करने वाले कातिब को भी अच्छी-खासी रकम देनी पड़ती है। परंतु सरकार की नई प्रबंध से आप सरकारी रजिस्ट्री शुल्क में तो छूट प्राप्त कर ही सकते हैं, बिना किसी दूसरे शख्स को एक रुपया दिए आपका कार्य भी एक दिन में पूरा होगा।
दरअसल, सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के हेतु स्टांप शुल्क का भुगतान आनलाइन करने का प्रबंध आरंभ कर दिया है। उसके बाद आपको स्टांप पेपर के हेतु अवैध नजराना देने की आवश्कता नहीं रह गई है। उसके अलावा भूमि की रजिस्ट्री के हेतु अब किसी से डॉक्यूमेंट्स तैयार करवाने की आवश्कता भी नहीं है। सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री के लिए हिंदी, अंग्रेजी एवं उर्दू में कई माडल डीड तैयार करवा दिए हैं। उसमे जमीन का ब्यौरा, बेचने एवं खरीदने वाले का ब्यौरा रिक्त जगहों पर भरकर दस्तावेज खुद ही तैयार किया जा सकता है।
अब सभी निबंधन कार्यालयों में कम से कम 20 प्रतिशत रजिस्ट्री माडल डीड के जरिए से करना होगा । राज्य के सारे 125 निबंधन कार्यालयों को उसका पालन करना होगा। मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन डिपार्टमेंट के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने सभी जिलों के अवर निबंधकों को इस बाबत आदेश दिया है। उनके द्वारा बताया गया कि पिछले साढ़े तीन माह में लगभग 14 हजार निबंधन माडल डीड के जरिए से बिना किसी सहयोग के करवाया गए हैं। उसके अलावा सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि जमीन रजिस्ट्री की प्रोसेस एक दिन में पूरी कर ली जाए।
आयुक्त द्वारा बताया गया कि माडल डीड में पूरी जानकारी व प्रोसेस लिखी रहती है, उससे बिना कातिब की सहयोग लिए कोई भी व्यक्ति आनलाइन डीड की कापी तैयार कर पाएगा। निबंधन कार्यालय की वेबसाइट पर हिंदी में 31, अंग्रेजी में 31 तथा उर्दू में 29 प्रकार का माडल डीड प्रदर्शित है। उसके अलावा आनलाइन भुगतान को प्रोत्साहित करने के हेतु स्टांप ड्यूटी की राशि में एक प्रतिशत या ज्यादातर 2 हजार रुपये की छूट भी दी जाती है। माडल डीड के जरिए से लोगों को रजिस्ट्रेशन में सहायता के हेतु निबंधन कार्यालयों में साहयोग (मे आइ हेल्प यू) काउंटर भी खोले गए हैं।