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बिहार में ऐसी नौकरी के लिए शादी की बनी गाइडलाइन, अब पहले लेनी होगी सरकार से अनुमति

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सेवा के समय मृत सरकारी सेवकों की दूसरी पत्नी की संतानों को भी कंपैशनेट पर नियोजन का अधिकार है, परंतु, उसके हेतु दो संविदा तय की गई हैं। पहली शर्त यह कि दूसरी शादी गवर्नमेंट की सहमति से हुई हो। दूसरी ये कि ऐसे संतानों को जॉब देने की सिफ़ारिश पहली पत्नी करे। पहली पत्नी एफिडेविट के जरिए से बताएगी कि उसे दूसरी पत्नी की संतानों को जॉब मिलने पर कोई विपत्ति नहीं है। सक्षम ऑफिसर एफिडेविट की जांच करेंगे। मतलब, पहली पत्नी की सहमति के बिना दूसरी पत्नी की संतानों की सहानुभूति पर नियुक्ति नहीं होगी।

जनरल एडमिसिट्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा बुधवार को इस उपलक्ष्य में एक निर्देश जारी किया है। इसकी प्रति सभी डिपार्टमेंट, विभागाध्यक्षों, पुलिस महानिदेशक, डिविजनल कमिश्नर एवं जिला के पदाधिकारियों को दी गई है। निर्देश में साफ बताया गया है कि गवर्नमेंट के निर्देश के बिना शादी करने वाले किसी भी सेवक की दूसरी पत्नी की संतानों को इच्छुकता पर नियुक्ति का अधिकार नहीं होगा। भले ही शादी किसी पर्सनल ला के हवाले से ही क्यों न हुई हो। जबकि, यह भी क्लियर किया गया है कि पहली या दूसरी पत्नी की उन्हीं संतानों को मौके दिया जाएगा, जो पद के हेतु मिनिमम क्वालिफिकेशन रखते होंगे। पहली एवं दूसरी पत्नी की संतानों में वरीयता पहली पत्नी के संतानों को प्राप्त होगी।

नेशनल टीचर्स अवॉर्ड के हेतु अनुशंसा भेजने के लिए एजुकेशन डिपार्टमेंट की स्टेट लेवल चयन कमेटी को हर जिले से सेलेक्ट तीन शिक्षकों का नाम 21 जुलाई तक प्राप्त होना है। रिकमेंड टीचर्स के नामों के सहित उनके बारे में विजिलेंस क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी कंपल्सरी किया गया है। सेंट्रल गवर्नमेंट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए एजुकेशन डिपार्टमेंट के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह द्वारा इसका अनुपालन कराने का निर्देश सभी जिला एजुकेशनल ऑफिसरों को दिया है। उनके द्वारा बताया गया कि सभी जिलों से शिक्षकों के नाम की आदेश प्राप्त होने के उपरांत स्टेट लेवल चयन कमेटी की मीटिंग में टीचर्स की चयनित आखरी सूची को नेशनल टीचर अवार्ड के हेतु सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजा जाएगा।