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ब‍िहार में एक और एयरपोर्ट आरंभ करने की कवायद तेज, नेपाल को भी म‍िलेगा इसका फ़ायदा

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ब‍िहार के रक्सौल हवाई अड्डे के दिन अब समाप्त होने वाले हैं। इसे आरंभ कराने के हेतु सरकार ने जिला के कलक्टर से विवरण मांगी गई है।उसे बनवाया जा रहा है। शीर्घ ही रिपोर्ट सरकार को दे दी जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव द्वारा राज्य के एयरपोर्ट के डिटेल को लेकर सीनियर ऑफिसरों के साथ मीटिंग हुई थी। उसमे रक्सौल हवाई अड्डे की भी जिक्र हुई। तकरीबन 154 एकड़ में फैले पनटोका पंचायत के सीमावर्ती हरैया गांव स्थित यह हवाई अड्डे का परिचालन की दृष्टि से मुनासिब है। आवाश्यक जमीन उपलब्ध है। नेपाल बॉर्डर पर होने के वजह से पैसेंजर की संख्या भी ठीक ठाक मिल सकती है। उसका क्षेत्रफल लगभग दो किमी लंबा व एक किमी चौड़ा है। फिलहाल में इस परिसर में SSB 13वीं बटालियन का BPO निर्देशन है।

साल 1960 में इस हवाई अड्डे को बनवाया गया था। 1962 तक योजनामय युक्ति से उसका हिफ़ाज़त चलता रहा। 1968 में रक्सौल, मुजफ्फरपुर व भागलपुर के हेतु कलिंग एयर सेवा की आरंभ हुई, परंतु सरकार की विरक्ति के वजह से साल 1970 के आसपास यहां से उड़ानें बंद हो गईं। आखरी बार 5 अगस्त, 2011 को दिल्ली से एयर एम्बुलेंस को यहां लाई गई थी।

भारत-चीन संग्राम के बाद जनरल केएम करियप्पा ने बॉर्डर के एरिया का दौरा करवाया था। तब युद्ध के दौरान सैन्य सामग्री व हवाई आक्रमण के हेतु सबसे अच्छा स्थल के स्वरूप में उसका चयन करवाया गया था। उसके बाद में इस पर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं पड़ोसी देश नेपाल ने सीमावर्ती पर्सा, बारा, रौतहट, नवलपरासी इत्यादि जिलों में हवाई अड्डे का निर्माण कर उड़ान आरंभ कर दिया है।

पूर्वी चंपारण के ऑफिसर शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि- रक्सौल एयरपोर्ट आरंभ कराने की कोशिश जारी है। राज्य सरकार को एक हफ्ता के अंदर प्रस्तावना भेजा जाएगा। आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मुजफ्फरपुर। साल 2024 से मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट के अलावा रक्सौल से भी इलेक्ट्रिक एयरोप्लेन सर्विस आरंभ हो सकती है। पिफोर कंपनी के निदेश देनेवाला ने इस संबंध में पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को लेटर लिखा है। एयरोप्लेन सर्विस आरंभ करने से पहले एयरोप्लेन और रनवे की मरम्मतदुरुस्त करने का अनुरोध किया है। उसको लेकर भी प्रशिक्षण चल रही है। कंपनी के निदेशक सुनील कुमार द्वारा बताया गया कि स्पाइस जेट एयरलाइन के साथ कंपनी 2024 में इलेक्ट्रिक एयरोप्लेन लांच कर रही है। नगर विमानन मंत्रालय ने पायलट परियोजना के रूप में दोनों हवाई अड्डे से एयरोप्लेन सर्विस आरंभ कराने का मोका दिया है। पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में दोनों हवाई अड्डे की जल्द ही दुरुस्त करवा दिया जाए।