Connect with us

BIHAR

बिहार में उत्पादित चाय को हासिल होगी राष्ट्रीय पहचान, कृषि मंत्री और सचिव द्वारा की जायेगी व्यापारियों के साथ बातचीत

Published

on

WhatsApp

बिहार मे उत्पादित चाय को जल्द ही राष्ट्रीय पहचान हासिल हो जाएगी। राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए भारतीय चाय बोर्ड को पत्र भेजा जा चुका है। भारतीय चाय बोर्ड में बिहार के छोड़कर दूसरे राज्यों में उत्पादन करने वाले प्रतिनिधि पूर्व से शामिल हैं। ये प्रतिनिधि भारत में चाय के उत्पादन, प्रसंस्करण और घरेलू व्यापार के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा देने का काम करते हैं।

बिहार में उत्पादित चाय के विकास के लिए कृषि मंत्री व्यापारियों के साथ बातचीत करेंगे। इसके लिए 30 अप्रैल के दिन कृषि मंत्री और कृषि सचिव के साथ अन्य बड़े अधिकारी किशनगंज के दौरे पर रहेंगे। इसमें उद्योग निकायों के साथ बिहार के सभी प्रमुख चाय उत्पादकों को आमंत्रित किया गया है। उद्यान निदेशालय द्वारा बिहार में उत्पादित चाय को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसका उद्देश्य किसानों के आय में वृद्धि लाना है। उद्यानिक उत्पाद योजना के अंतर्गत चाय क्षेत्र को विस्तार करने के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार बिहार भारत का पांचवा सबसे अधिक चाय उत्पादन करने वाला राज्य है जहां 10 हजार एकड़ क्षेत्र में एक साल में 75 लाख किलो का उत्पादन होता है।

बिहार में उत्पादन की जा रही चाय को अभी तक कोई विशेष पहचान हासिल नहीं हो पाया है। लेकिन बिहार चाय उत्पादन के क्षेत्र में अपने ऊपर वाले राज्यों के साथ बराबरी कर सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार बिहार के छोटे–छोटे नए उद्योगपति नमकीन, चिप्स ,गुड़, फ्रूट जूस ,शहद जैसे उद्योगों के स्थापना की तैयारी में हैं। इस वर्ष 22 मार्च से 21 अप्रैल के बीच कुल 31 नए निवेश प्रस्ताव आए हैं। इन 31 नए निवेश प्रस्ताव में से 14 प्रस्ताव सिर्फ खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित हैं। कुल 31 निवेश प्रस्ताव के लिए 250 करोड़ रुपए में से 110 करोड़ की हिस्सेदारी खाद्य प्रसंस्करण की है। इन निवेश प्रस्तावों पर सहमति राज्य सरकार के निवेश प्रोत्साहन परिषद की 38वीं बैठक में दे दी गई। साथ ही वैशाली में हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र के लिए 43.9 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव भी आया है।

इससे संबंधित यहां पर नमकीन स्नैक्स बनाने का काम करेगी। वहीं मुजफ्फरपुर में गुड़ निर्माण के लिए 36.6 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। इसके अलावा स्नैक्स, फ्रूट जूस, सरसों तेल,राइस मिल में कंपनियों की रुचि बढ़ी है। वहीं टेक्सटाइल प्रिंटिंग ,फ्लाइ ऐश ब्रिक्स ,फर्नीचर बनाने से जुड़े कई प्रस्ताव भी हैं। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक में तीन वर्षों से अधिक समय वाले प्रथम क्लियरेंस प्राप्त हुए प्रस्ताव को निरस्त करने के निर्देश दिये गए। इसके अलावा तीन साल से अधिक समय से वित्तीय क्लियरेंस प्राप्त नहीं हुए प्रस्तावों को भी निरस्त किया जाए। परंतु निरस्त करने से पूर्व उन निवेशकों से संपर्क स्थापित किया जाएगा।