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बिहार में इस साल 37 लाख टन हुई धान की खरीदारी, पिछले साल का टूटा रिकॉर्ड

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इस साल बिहार के पांच लाख 12 हजार से ज्यादा किसानों से 37 लाख टन धान की खरीदारी हो चुकी है। यह राज्य के इतिहास में धान की अब तक की सर्वाधिक खरीद है। सरकार के स्तर से प्रशासनिक व्यवस्था के कारण राज्य में बंपर धान खरीद हुई है। हालांकि बिहार सरकार के द्वारा 45 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। 15 फरवरी तक धान खरीद होनी है। यह माना जा रहा है कि हफ्ते भर में धान खरीद का लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाएगा क्योंकि पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर से धान खरीद की प्रगति की समीक्षा के बाद इसमें और तेजी है।

बिहार सरकार के खाद्य सचिव विनय कुमार के मुताबिक बिहार सरकार की ओर से चार लाख 45 हजार 323 किसानों को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति क्विंटल के रूप में कुल 6,354 करोड़ 16 लाख रुपये का भुगतान राशि दिया जा चुका है। इस प्रकार धान बेच चुके 90 प्रतिशत किसानों को राशि भुगतान हो चुका है। शेष किसानों को राशि भुगतान किया जा रहा है। अब तक धान खरीद की कुल कीमत 7,168 करोड़ 15 लाख रुपये है, जबकि पिछले साल 2020-21 में 35.38 लाख टन धान की खरीदारी हुई थी। तब छह हजार सात सौ 36 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

विगत पांच वर्षों में से 2021–22 में 37.2 टन, 2020–21 में 35.38 टन और 2019–20 में 20.01 टन धान खरीदी गई थी। इसके अलावा 2018–19 में 14.16 टन और 2017–18 में 11.84 टन धन की खरीदारी की गई थी।

बिहार में धान खरीद के बाद बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा इस साल चावल की भी बंपर खरीद की गई है। राइस मिलरों द्वारा अब तक नौ लाख 61 हजार 268 टन बिहार राज्य खाद्य निगम को चावल की आपूर्ति की जा चुकी है। इसकी कुल कीमत 2,995 करोड़ 90 लाख रुपये है। इसके लिए राज्य खाद्य निगम की ओर से 2,441 करोड़ 35 लाख रुपये का भुगतान मिलरों को किया जा चुका है। इस प्रकार चावल खरीद के लिए 82 प्रतिशत राशि का भी भुगतान किया जा चुका है। शेष बचे राशि को भी भुगतान किया जाएगा।