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बिहार में अब ई-कामर्स को मिलेगी रफ्तार, पटना में बनेगा राज्‍य का पहला मल्टी माडल लाजिस्टिक पार्क

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एक अच्छी खबर पटना बिहार में 100 एकड़ में निर्माण होगा पहला मल्टी माडल लाजिस्टिक पार्क। इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट द्वारा उसके हेतु पटना में 100 एकड़ भूमि अंकित करवा दिया गया है। उस बारे में जिला प्रशासन को भूमि अभीग्रहण करने को लिखा गया है। अब तक बिहार में एक भी लाजिस्टिक पार्क नहीं है। उसके निर्माण के उपरांत ई-कामर्स कंपनियों को अपने प्रोडक्शन को स्टोर करने में सहूलियत हो जाएगी।

मल्टी माडल लाजिस्टिक पार्क एक तरह से विशाल वेयरहाउस होता है। यह मॉडर्न व्यवस्थाओं से लैस होता है। यहां कोल्ड स्टोरेज, मेचनआइज्ड हैंडलिंग, बड़े-बड़े वाहनों के हेतु पार्किंग व कस्टम क्लियरेंस की सुविधा रहती है।

इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी जनरल संदीप पौंड्रिक द्वारा बताया गया कि पटना जिले के जैतिया ग्रामीण के पास मल्टी माडल लाजिस्टिक पार्क के हेतु स्थान अंकित करवाया गया है। यह स्थान अंडर कंस्ट्रक्शन आमस-दरभंगा 4लेन के पास है। उस हिसाब से इसे कई जिलों की डायरेक्ट कनेक्टविटी मिल रहा । उसके आलावा नेऊरा-दनियावां रेल लाइन के भी यह समीप है। उस वजह से रेल कनेक्टिविटी भी है। आमस-दरभंगा रोड आगे जाकर कच्ची दरगाह -बिदुपुर पुल होते हुए उत्तर बिहार चली जाएगी। उस कारण से नेपाल भी इस रोड से जाया जा सकता है।

बिहार में अभी एक भी लाजिस्टिक पार्क नहीं है। प्राइवेट लेवल पर कुछ स्थानों पर वेयर हाउस आवश्य बने हैं। फिलहाल के दिनों में कई बड़े इन्वेस्टर ने बिहार में लाजिस्टिक पार्क डेवलप किए जाने में अपनी इंट्रेस्ट आवश्य दिखायी है। उनमें अडानी समूह, ओसवाल ग्रुप, TVS समूह व कुछ अन्य समूह हैं। उनके जरिए लाजिस्टिक पार्क के हेतु संगठित एरिया निर्माण करवाया जाएगा। उनमें कई प्रस्तावना आगे बढ़ चुके हैं।

इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट के आला ऑफिसरों द्वारा बताया गया कि इंडस्टल डिपार्टमेंट शीघ्र ही अपनी लाजिस्टिक पालिसी लाने की व्यवस्था में है। लाजिस्टिक एरिया की बड़ी कंपनियों का बोलना है कि उन्हें A ग्रेड के वेयर हाउस के हेतु सरकार बियाडा की भूमि प्राप्य कराए। बियाडा से भूमि मिलने से उन्हें कई प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध हो जाएंगी। ऐसी पॉसिबिलिटी है कि गवर्नमेंट की न्यू लाजिस्टिक पालिसी में इस बात का प्रोविजन किया जाए। उसके आलावा औद्योगिक इंडस्ट्रियल इन्वेस्टर इंसेंटिव पॉलिसी के अंतर्गत भी कुछ फायदा मिल सकता है।

बिहार में ई-कामर्स कंपनियों के उद्योग का बड़े लेवल पर डिटेल हुआ है। उनका संकट है कि उन्हे अपने प्रोडक्शन को स्टोर कर रखने के हेतु पर्याप्त क्रमांक में वेयर हाउस नहीं है। इस कारण से इन्हें दिक्कतें है। ट्रांसपोर्टेशन फीस भी बढ़ जाता है। लाजिस्टिक पार्क रहने से इन्हें अपने प्रोडक्शन को स्टोर कर रखने के हेतु पर्याप्त स्थान मिल सकेगी। लाजिस्टिक पार्क में ट्रांपोर्टेशन की भी सुविधा रहेगी।