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बिहार में अनाज वितरण प्रणाली में चोरी और भ्रष्टाचार रोकने का प्रयास, पटना में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

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बिहार में बीपीएल परिवारों को मिलने वाले अनाज में चोरी की खबर आई है। इसके निवारण के लिए सरकार द्वारा निर्णायक बदलाव किया जा रहा है जिससे चोरी पर नियंत्रण लग सकेगा। वहीं जनवितरण प्रणाली की दुकान चलाने वालों द्वारा कोई भी गड़बड़ी करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनके दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा विगत कुछ दिनों में अनाज वितरण के संबंध में शिकायत दर्ज की गई। इसके रोकथाम के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा एक फुलप्रूफ कंप्यूटराइज्ड सिस्टम पाश मशीन के माध्यम से शुरू किया जाएगा।

बिहार में जनवितरण प्रणाली में हो रहे चोरियों को दूर करने के लिए एक निर्णायक बदलाव किया गया है। इसके तहत पटना के दो क्षेत्र में दो पीडीएस दुकान में फुलप्रूफ ऑनलाइन कंप्यूटराइज्ड सिस्टम पास मशीन लगाकर पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। इस पायलट प्रोजेक्ट में इलेक्ट्रोनिक तराजू और पाश मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह दोनों एक दूसरे से जुड़े रहेंगे और इसकी मॉनीटरिंग सीधे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में की जाएगी। इस स्थिति में अनाज वितरण में चोरी की समस्या खत्म हो जाएगी।

साथ ही इसकी मॉनिटरिंग सीधे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में किया जाएगा। इसकी वजह से पीडीएस दुकानदारों द्वारा कम अनाज या अधिक पैसे चार्ज नहीं कर सकते हैं। साथ ही पीडीएस दुकानदारों द्वारा मशीन में छेड़छाड़ करने से इसका अलर्ट मैसेज सीधे विभाग को मिलेगा।

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव विनय कुमार ने जानकारी दी कि पटना में चार क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य जारी है जिससे बीपीएल परिवारों को मिलने वाले अनाज में चोरी न हो सके। 15 जून 2020 के दिन विनय कुमार ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव पद पर कार्यभार संभाला। उन्होंने लगभग 1.25 करोड़ फर्जी कार्डधारियों को खारिज किया और सही लाभुकों को इससे जोड़ने का भी काम किया। बिहार में अभी लगभग 48 हजार पीडीएस दुकानदार हैं जिसको बढ़ा कर 55 हजार करने का लक्ष्य है।