BIHAR
बिहार बोर्ड इस लिए लेगा 60 लाख स्टूडेंट्स का फिंगरप्रिंट, सभी स्कूलों में लगेगी बायोमेट्रिक मशीन
बिहार राज्य के 60 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का बिहार बोर्ड द्वारा फिंगरप्रिंट लिया जाएगा। 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स का फिंगर प्रिंट लिया जाएगा। इसकी जानकारी बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर द्वारा दी गई। उसके साथ ही अध्यक्ष आनंद किशोर द्वारा बताया गया कि 9वीं और 11वीं में रजिस्ट्रेशन के हेतु फार्म भरवाने के वक्त और मैट्रिक एवं इंटर एक्जाम फार्म फिल करते वक्त फिंगर प्रिंट लिया जायेगा। उसके हेतु राज्यभर के सारे माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगवाई जाएंगी। उनके द्वारा बताया गया कि अगले कुछ वर्षों में बिहार बोर्ड में कई चेंजिंग किए जाएंगे । 2016 से अब तक बोर्ड कें क्या-क्या चेंज आया है, बोर्ड किस प्रकार से पूरी तरह कंप्यूटरीकृत हुआ है, इसका अपना सॉफ्टवेयर बनवाने के साथ आगे बोर्ड के हेतु क्या चिट्टा हैं… इन तमाम बदलावों पर बोर्ड अध्यक्ष ने अपनी राय बताई ।
उन्होंने यह कहा कि कोरोना संक्रमण में परीणाम देना काफी चैलेंजिंग था। मार्च 2020 में कोरोना आया। उससे पहले फरवरी में ही इंटर एवं मैट्रिक का एग्जाम ले लिया गया था । मैट्रिक के परिणाम के वक्त कोरोना संक्रमण प्रभाव तेज था। फिर 2021 में मैट्रिक एवं इंटर दोनों एग्जाम लेना और रिजल्ट देना कठिन भरा रहा। 9 क्षेत्रीय कार्यालयों में स्कैनिंग का कार्य आरंभ किया। ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर का उपयोग कर रिजल्ट लिया गया। सिलेबस का आधा हिस्सा OMR पर लिया। उसका काउंटिंग कंप्यूटर से किया गया। टीचर्स के काउंटिंग के काम को कंप्यूटर पर शिफ्ट किया गया। उससे वक्त की काफी बचत हुई। उससे रिजल्ट की प्रिपरेशन में लगने वाले ढाई माह के वक्त को 15 से 20 दिन पर कर दिया गया।
2016 तक बिहार बोर्ड में कोई कार्य डिजिटली नहीं किए जाते थे। 2016 में पद संभालने के बाद देश के कई बोर्ड के सहित मीटिंग की। उन्होंने हर सेक्शन को कंप्यूटर से कनेक्ट किया । मैनुअल कार्य समाप्त किया । उससे गलतियां कम होने लगीं। एग्जाम की गोपनीयता बनाए रखने को बारकोडिंग आरंभ की। त्रुटि रहित रिजल्ट के हेतु कैंडिडेट के नाम की प्रिंट वाली उत्तर पुस्तिका देने का प्रबध किया गया । पिछले तीन सालो से बिहार बोर्ड देश में सारे बोर्ड से पहले एग्जाम ले रहा है एवं रिजल्ट भी दे रहा है।
बिहार बोर्ड अन्य दूसरे देशों की बोर्ड एग्जाम प्रणाली का पर्यवेक्षण करेगा। उसके हेतु जल्द ही इंटरनेशनल मीटिंग आयोजित की जायेगी। सिंगापुर, फिनलैंड व अन्य देशों से फिलहाल बातचीत की जा रही है। 8 से 10 देशों की बोर्ड एग्जाम पैटर्न का अध्ययन करके नया मानक तैयार करवाया जायेगा।
सिविल सेवा के फील्ड में प्रधानमंत्री पुरस्कार 2006 में आरंभ किया गया था। परंतु कोरोना संक्रमण के वजह से 2019, 2020 और 2021 में उनका आयोजन नहीं किया जा सका। मुझे 2020 के हेतु यह पुरस्कार मिला है। देशभर में बिहार बोर्ड पहला है, जिनमे कार्य करते हुए यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार उन्हे बिहार बोर्ड की एग्जाम पैटर्न को अच्छा करने के हेतु दिया गया है। इस पुरस्कार ने बिहार बोर्ड को देशभर में सबसे ऊपर ला दिया है।
पूरा बोर्ड कंप्यूटरराइस हो गया है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं एग्जाम फार्म फिलिग के हेतु सभी स्कूलों को कंप्यूटर प्रदान किया गया है। उससे अब स्कूल प्रशासन को सहूलियत हुई है। वक्त से स्कूल प्रशासन की देखरेख में फार्म भरवाये जाने लगे हैं। त्रुटिपूर्ण फार्म भरवाए जा रहा। अब हर स्कूल के पास कंप्यूटर का सारा सेटअप है।
मैट्रिक एवं इंटर एक्जाम में अब भी मुन्नाभाई पकड़े जाते हैं उसका हमें नामोनिशान को जड़ से मिटाना है। एग्जाम पैटर्न को इतना मजबूत बना दिया जायेगा कि फर्जी स्टूडेंट एग्जाम में सम्मिलित ही नहीं हो पाएंगे। उसके हेतु आर्टिफिेशियल इंटेलीजेंस इस सेशन से चालू किया जायेगा। उससे फर्जी फोटो डाल कर एग्जाम देने वालों को तुरंत पकड़ा जा सकता है। इसके अतिरिक्त आधार वेरिफिकेशन भी अब करवाया जाएगा। उससे प्रमाणपत्र में त्रुटि होने पर सरलता से सुधार किया जा सकता है।
राज्य के पांच हजार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों को कंप्यूटर वितरण किए जा चुके हैं। अब सारे स्कूलों को डिजिटल कंटेंट दिये जाएंगे। यह हर सब्जेक्ट में होगा। उसके हेतु तैयारी आरंभ कर दी गयी है। यह इसी सेशन के कैलेंडर से चालू किया जाएगा।आवास्कत पड़ी तो स्कूलों में कंप्यूटर की काउंटिंग भी बढ़ाई जाएगी। डिजिटल कंटेंट को एप के जरिए से भी बच्चों को उपलब्ध करवाया जाएगा।