BIHAR
बिहार: बोधगया में बनाई जा रही भगवान बुद्ध की सबसे लंबी प्रतिमा, फरवरी 2023 से देखने आ सकेंगे लोग
बोध गया में भगवान बुद्घ की शयन मुद्रा में दुनिया की सबसे लंबी प्रतिमा का स्थापना किया जा रहा है जिसका निर्माण बुद्धा इंटरनेशन वेलफेयर मिशन के द्वारा कराया जा रहा है। इस मूर्ति का निर्माण कोलकाता के मशहूर मूर्तिकार मिंटू पॉल द्वारा किया जा रहा हैं। गया के बोध गया में भगवान बुद्ध की दुनिया की सबसे लंबी प्रतिमा बनाई जा रही है जिसकी लंबाई 100 फीट, ऊंचाई 30 फीट और चौड़ाई 24 फीट है। भगवान बुद्ध की शयन मुद्रा में इस प्रतिमा को बोधगया के जानी बीघा गांव में बनाया जा रहा है। इस मुद्रा में भगवान बुद्ध की यह मूर्ति विश्व की सबसे लंबी प्रतिमा है।
भगवान बुद्ध की इस मूर्ति का निर्माण बुद्धा इंटरनेशन वेलफेयर मिशन के द्वारा किया जा रहा है। बुद्धा इंटरनेशन वेलफेयर मिशन ने इसका निर्माण साल 2019 में शुरू किया था। बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के फाउंडर सेक्रेटरी आर्य पाल भिक्षु ने बताया कि मिशन की नींव साल 2011 में यहीं रखी गई थी। साथ ही उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध की इस प्रतिमा को कोलकाता के मशहूर मूर्तिकार मिंटू पॉल बना रहे हैं। मूर्ति के निर्माण में फाइबर ग्लास का इस्तेमाल किया जा रहा है।
साल 2023 के फरवरी महीने में इस प्रतिमा का उद्घाटन किया जाएगा जिसके बाद लोग इस प्रतिमा के दर्शन कर पाएंगे। बता दें कि भगवान बुद्ध को बोध गया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी जहां से उनके प्रवचन और संदेश दुनिया के कोने-कोने में फैले थे।
भगवान बुद्ध की यह प्रतिमा शयन मुद्रा में है। भगवान बुद्ध ने इसी मुद्रा में महापरिनिर्वाण के पहले कहा था कि आज से 3 महीने बाद उनकी मृत्यु हो जायेगी। भगवान बुद्ध ने अपना अंतिम संदेश भी इसी मुद्रा में दिया था। भगवान बुद्ध को 80 साल की अवस्था में कुशीनगर में महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई थी। कोरोना काल की वजह से इसके निर्माणकार्य में देरी हुई है।
भगवान बुद्ध की इस प्रतिमा में दाहिने हाथ पर उनका सिर टिका है। चेहरे पर शांत भाव और होंठ पर मुस्कान हैं। कोलकाता के प्रसिद्ध मूर्तिकार मिंटू पॉल प्रतिमा निर्माण के क्षेत्र में इस बुद्ध मूर्ति से एक और मिसाल बनने जा रहे हैं। मिंटू पॉल पहले भी मां दुर्गा की कई मूर्तियां बनाकर ख्याति अर्जित कर चुके हैं।