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बिहार: बारुण-नवीनगर रोड का 35 में से 24.5 किमी निर्माण कार्य पूरा, जाने कब तक पूरा होगा काम

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बारुण-नवीनगर मुख्य सड़क को बनवाने का काम 24.5 किलोमीटर पूर्ण हो गया है। तकरीबन 35.1 किलोमीटर सड़क को बनवाने में 49.9 करोड़ की धनराशि लागत लगवाई गई है। पहले यह पाथ बिटुमिनस का निर्माण होना था पर डिपार्टमेंटल अपर मुख्य सचिव की जिला एडमिनिस्ट्रेशन के सहित मीटिंग में हेतु किए गए फैसले के उपरांत 13 किलोमीटर में ढलाई का काम करवाया जा रहा है। ढलाई का काम इसलिए करवाया जा रहा है कि सोन से बालू लेकर निकलने वाले ट्रकों से पानी टपकते रहता है उससे बिटुमिनस की रोड क्रैक हो जाती है। काम कराने वाले एजेंसी रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के इंजीनियर के मुताबिक पाथ में अर्थ वर्क 34 किलोमीटर में पूरा करवा लिया गया है।

19 किलोमीटर बिटुमिनस सड़क के काम में 18 किलोमीटर में JCB का काम हो गया है। 15.5 किलोमीटर में बिटुमिनस का काम संप्पन हो गया है। पीक्यूसी में 13 किलोमीटर में से नौ किलोमीटर तक पूर्ण किया जा चुका है। शेष में काम जारी है। बताया गया कि पांच बायलेन का काम करवाया जाना था जिस पर काम चल रहा है। रोड पर 25 क्रास ड्रेन निर्माण होनी थी उसमे 24 पूरा हो गया है। नरारी, ससना, महुआंव, तेतरहाट गांव के समीप पाथ का निर्माण काम नहीं हुआ है। इंजिनियर के मुताबिक काम को 2 महीने में पूरा कराने का उद्देश रखा गया है। NTPC की 2 बिजली प्रॉजेक्ट जाने का यह एकमात्र पाथ है। रोड के ऊपर से गुजरेगी एक्सप्रेसवे।

इस पाथ के ऊपर से भारतमाला परियोजना के अंतर्गत वाराणसी से कोलकाता तक निर्माण होने वली एक्सप्रेस वे गुजरेगी। अंकोरहा गांव के आगे एक्सप्रेस वे क्रास करेगा। ऐसे में एक्सप्रेस वे जाने के हेतु यह क्रिटिकल रोड होगा। जबकि उस सड़क से एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के हेतु वर्तमान में कोई प्रोजेक्ट नहीं है। अभी तक सिर्फ अंबा के एरका कोलोनी के समीप एक्सप्रेस वे पर चढ़ने के हेतु सड़क बनवाने के हेतु भूमि का अभीग्रहण करवाया जा रहा है। कहते हैं विधायक।

विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डबलू सिंह द्वारा कहा गया कि पाथ को बनवाने का कार्य कई स्थानों पर अधूरा है। कार्य प्राक्कलन के मुताबिक नहीं कराया जा रहा है। कई स्थानों पर प्राणघातक गड्ढा उभर आया है। गड्ढा ऐसा कि कार का निचला भाग सड़क से सटता है। चैंबर के टूटने की अनुमान बनी रहती है। उभरे गड्ढों में ट्रकों के गुल्ला टूटने की घटना होती रहती है। उधर गांव के लोगो द्वारा बताया गया कि स्वयं DM द्वारा इस सड़क का सर्वे किया गया था तथा गड्ढों को भरने का निर्देश दिया था पर नहीं भरा गया। उभरे गड्ढों में बारिश का पानी भर जाने से जलाशय बन जाता है।