BIHAR
बिहार: बच्चों को आकर्षित करने के लिए प्रधानाध्यापक ने अपने पैसे से जहाजनुमा पुस्तकालय का कराया निर्माण
आज के दौर में पढ़ाई एक पेशा बनते जा रहा है, कुछ टीचर्स सिर्फ इसलिए स्कूल आते हैं ताकि गवर्नमेंट से मोटी रकम ले सके तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जो की आज भी गुरु की परंपरा, आदर्श और लिमिट को बचा रहे है। फिलहाल आज हम बात करेंगे एक ऐसे टीचर की, उन्होंने अपने स्कूल में अपने निजी पैसों से स्टूडेंट्स के लिए हवाई जहाजनुमा पुस्तकालय का बनवाया है, उसमे 25 स्टूडेंट्स एक साथ बैठक कर पढ़ाई कर सकेंगे।
भारतीय संस्कृति में शिक्षक को ईश्वर से भी बड़ा माना गया है, और इस रूप के लिमिट को संवारा है बिहार (Bihar) के समस्तीपुर जिला के मोहिउद्दीननगर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सिवैसिंहपुर के प्रधानाध्यापक मेधन सहनी (Medhan Sahni) द्वारा, उन्होंने अपने विद्यालय में अपने निजी कोष से स्टूडेंट्स के हेतु शिक्षा उड़ान नाम से लाइब्रेरी निर्माण किया है, जिसे हर तरह से हवाई जहाज का रूप दिया गया है।
लाइब्रेरी को दिया गया पूरी तरह से हवाई जहाज का रूप
स्कूल परिसर में बने इस लाइब्रेरी की बाहरी और भीतरी सूरत रुप रंग भी हवाई जहाज के जैसे ही बनाया गया है। ये लाइब्रेरी के भीतर की सीटें भी एयरोप्लेन की तरह ही बनाई गई है। इस लाइब्रेरी को हर तरह से हवाई जहाज का रूप दिया गया है, उसमे बैठकर हवाई जहाज में बैठने जैसा महसूस होगा। प्रत्येक क्लास के स्टूडेंट्स को बारी-बारी से इसमें आकर बुक्स को पढ़ने का मौका दिया जाएगा।
बता दें कि, हवाई जहाज के तरह लगने वाले इस लाइब्रेरी में हवाई जहाज के पहिए दर्शाए गए हैं। और उसके साथ हीं इसमें चढ़ने के लिए खूबसूरत सीढ़ियां भी तैयार की गई है और दरवाजे भी लगाया गया हैं। इस एयरोप्लेन को मॉर्डन लाइटिंग से सुसज्जित किया गया है। इस हवाई जहाज लाइब्रेरी को पूरी तरह से हवाई जहाज की तरीके से कलर व डिजाइन करवाया गया है और उस पर ‘शिक्षा उड़ान’ लिखवाया गया है।
कैसे आया ऐसा पुस्तकालय बनाने का ख्याल?
विद्यालय के प्रधानाध्यापक मेधन सहनी (Medhan Sahni) द्वारा बताया गया कि, मुझे ऐसा खयाल कुछ स्कूलों के आर्किटेक्ट को देखकर मिली थी परंतु सरकारी तौर पर कोष की व्यवस्था नहीं थी। फिर मैने फैसला किया कि अपने ही निजी कोष से हम इसका निर्माण पूरा करेंगे और आज हमारी कोशिशों के जरिए यह बनकर तैयार हो चुका है , तो मुझे काफी खुशी हो रही है।
उनके (Medhan Sahni) द्वारा आगे बताया कि, यह हवाई जहाज को बनाने में 2 लाख से ज्यादा रुपए लग गए हैं और अभी कुछ काम और भी बचा हुआ है। इस कदम को मैने स्टूडेंट्स को स्कूल की ओर अट्रैक्ट करने के लिए उठाया था। आज इसे देखकर बच्चे काफी खुश हैं और स्कूल भी ज्यादा मात्रा में आ रहे हैं।
बीते सोमवार को स्थानीय विधायक राजेश कुमार सिंह के जरिए यह हवाई जहाजनुमा बने शिक्षा उड़ान लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया। उनके द्वार कहा गया कि, अन्य सरकारी विद्यालयों को भी इस विद्यालय से कुछ सीख लेने की जरूरत है।