BIHAR
बिहार: बक्सर के युवक ने हिमालय के कलानाग पर्वत पर पाई विजय, अब मिनी एवरेस्ट की करेंगे चढ़ाई
जिले के चौसा प्रखंड के सरेंजा गांव के रहने वाले सिंचाई डिपार्टमेंट में कार्यरत अमरनाथ चौबे के बेटे नंदन चौबे ने हिमालय के कलानाग पहाड़ पर अवृथा पहुंचने का रिकार्ड बना दिया है। यह कामयाबी पाकर उन्होंने न केवल जिले जबकि प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। उन्होंने यह 10 दिनों की लंबी एवं परिश्रमपूर्ण चढ़ाई के बाद कमाल कर दिखाया है। कलानाग पहाड़ हिमालय पर्वत श्रृंखला में सम्मिलित पर्वत की शिखर है जो कि उत्तराखंड में है। उसकी चढ़ाई उन्होंने अपने चार अन्य दोस्तो के साथ आरंभ की और आखिरकार कामयाबी हासिलकी। नंदन कहते हैं कि अब वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के हेतु आगे बढ़ रहे हैं एवं शीघ्र ही उसकी तैयारियां करना आरंभ कर देंगे।
नंदर चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं एवं वे माउंटेनर हैं। उन्होंने 6,387 मीटर ऊंची शिखर पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की एवं इंडियन फ्लैग फहरा दिया। उन्होंने अपने एक्सपेरिस के बारे में कहा कि उनकी लड़ाई बिहार ही कठिन रही परंतु उन्हें उम्मीद थी कि वह इसे जरूर पूरा कर लेंगे। इसी होप पर वह आगे बढ़ते गए और आखिरकार इन्होंने अपनी चढ़ाई पूरी की। विकिपीडिया के अनुसार कलनागा या काली चोटी, सरस्वती (बंदरपंच) पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची शिखर है। उसके समीप के इलाके सरस्वती देवी पर्वत (6316 मीटर) एवं हनुमान पर्वत (6102 मीटर)है। कलनाग या काली शिखर पहाड़ का शाब्दिक अर्थ ब्लैक कोबरा है यह रूइनसारा घाटी के समीप है। इस शिखर पर पहली बार 1955 में जैक गिब्सन एवं दून स्कूल, देहरादून के स्टूडेंट्स ने सफलता पाई थी।
शुक्रवार को मिनी एवरेस्ट के हेतु चढ़ाई पर जाने से पहले नंदन ने मीडिया को कहा कि उनका उद्देश एवरेस्ट की शिखर है। वह हर संभव इस चढ़ाई को भी पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि पहली बार में उन्होंने कलानाग की कामयाबी पाई है। उसके बाद मिनी एवरेस्ट पर चढ़ाई करने जा रहे हैं। इसके बाद एवरेस्ट शिखर की चढ़ाई करेंगे।