BIHAR
बिहार: फुलपुरा में चरवाहा विद्यालय की साढ़े सात एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा इंजीनियरिंग कॉलेज
साल 1991 में बिहार में लालू प्रसाद यादव की नेतृत्व में गाय–भैंस, बकरी चराने वाले बच्चों के लिए चरवाहा विद्यालय का निर्माण किया गया। 23 दिसंबर 1991 को 25 एकड़ की जमीन में मुजफ्फरपुर के तुर्की में देश का पहला चरवाहा विद्यालय खोला गया था। इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने अपने राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र के बिदुपुर चकसिकंदर फुलपुरा में भी चरवाहा विद्यालय खुलवाया था। चरवाहा विद्यालय के कंसेप्ट का कुछ लोग समर्थन और कुछ विरोध भी कर रहे थे। बाद के दिनों में चरवाहा विद्यालय का कंसेप्ट सफल नहीं हो पाया।
भाजपा के साथ सरकार बना लेने के बाद भी विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मंजूरी दी गई। इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण के मामले को रोका नहीं बल्कि प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की बात कही गई। इसके निर्माण खर्च में कमी नहीं होने दी गई। यहां तक बिल्डिंग निर्माण के मेटेरियल की कीमती में भारी वृद्धि को देखते हुए इस्टीमेट रिवाईज भी किया गया।
कृषि विभाग के एग्रीकल्चर फार्म के भूखंड पर चरवाहा विद्यालय स्थापित किए गए थे। यह योजना सफल न होने की वजह से अगले दो सालों में चरवाहा विद्यालय का वजूद मिट गया था। 2015 में राजद-जदयू की बनी सरकार में तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने। अपने माता-पिता के पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर से ही जीतकर वे विधानसभा पहुंचे थे। इसी दौरान तेजस्वी ने चरवाहा विद्यालय की जगह पर इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण की मंजूरी दिलाई थी।
साढ़े सात एकड़ भूमि पर राजकीय अभियंत्रण कॉलेज का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। कार्यकारी एजेंसी भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की देखरेख में रियल्टी एडवांस स्ट्रक्चर इंटरप्राईजेज कंपनी संवेदक के रूप में इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण कर रही है। योजना स्वीकृति के वर्ष के अगले पांच सालों में रॉ मेटेरियल की कीमतों में भारी वृद्धि को देखते हुए प्राक्कलित राशि को बढ़ाकर लगभग 8000 लाख कर दिया गया है। इस योजना को 2018 में शुरू किया गया था। कोरोना काल में आए अवरोध के बावजूद तीन सालों में कॉलेज लगभग तैयार हो चुका है।
इंजीनियरिंग कॉलेज 06 ब्लॉक में खंडित हैं। उन 06 ब्लॉक में अलग-अलग कुल 09 इमारत हैं जो लगभग 01 लाख स्क्वायर फीट में है। उनमें प्रशासनिक, शैक्षणिक बिल्डिंग के अलावा ऑडोटोरियम हॉल, अलग-अलग फैकल्टीज के लिए लैब-वर्कशॉप, क्लासरूम तथा 207 कमरे वाला गर्ल्स होस्टल, 300 कमरे का ब्यॉयज हॉस्टल शामिल है। कार्यस्थल पर मौजूद साईट इंजीनियर ने बताया कि निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। मार्च महीने में इसे शुरू करने की तैयारी है।