BIHAR
बिहार: जाने कब तक बुद्ध सर्किट की सभी सड़कों पर आवागमन की शुरुआत, इस सर्किट के तहत बिहार में बन रही हैं ये 5 सड़कें
फिलहाल के लिए बिहार में बुद्ध सर्किट का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2025 तक इसकी सभी सड़कों पर परिचालन होने की आशंका है। इस सर्किट के तहत पांच सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसमे पटना-गया-डोभी रोड, आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे, पटना रिंग रोड में रामनगर से कच्ची दरगाह, दरियापुर-मनिकपुर -साहेबगंज-अरेराज-बेतिया सड़क के साथ गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ सड़क शामिल है। इनके माध्यम से राज्य में मौजूद भगवान बुद्ध से जुड़े प्रमुख स्थलों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। इससे बिहार राज्य में पर्यटन का विकास होगा। वर्तमान में बिहार में प्रमुख बुद्ध स्थल बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली और केसरिया हैं। उत्तर प्रदेश के बुद्ध सर्किट से भी इस बुद्ध सर्किट का जुडाव होगा। उत्तर प्रदेश के बुद्ध सर्किट के तहत सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशांबी और कपिलवस्तु मुख्य रूप से जुड़ेंगे।
127 किमी लंबी पटना-गया-डोभी फोरलेन एनएच-83 सड़क के निर्माण पर 1610 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं 198 किमी लंबी एनएच-119डी आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण करीब 198 किमी लंबाई में करीब 6927 करोड़ रुपये की खर्च हुई। इसके साथ ही करीब 13 किमी की लंबाई में पटना रिंग रोड में रामनगर से कच्ची दरगाह तक फोरलेन सड़क निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा। इसके अतिरिक्त दरियापुर-मनिकपुर-साहेबगंज-अरेराज-बेतिया फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा। इसकी लंबाई 167 किमी होगी। इन दोनों सड़कों के निर्माण कार्य को इसी वर्ष पूर्ण किया जाएगा। इसके अलावा पथ निर्माण विभाग ने करीब 93 किमी लंबाई में फोरलेन गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ सड़क एनएच-82 का निर्माण दिसंबर महीने तक पूरा होने की संभावना है।
नारायणपुर – मनिहारी- पूर्णिया हाइवे के निर्माण के लिए पेड़ों को कटाई की गई। इसके नियंत्रण के लिए पटना हाईकोर्ट द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई। कोर्ट द्वारा एनएचएआइ से सवाल किए गए जिसमे उनसे नए पौधारोपण के लिए की जा रही करवाई की जानकारी मांगी गई। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ द्वारा इस मामले को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया गया। पूर्व की सुनवाई में एनएचएआइ द्वारा दायर जवाबी हलफनामा दायर कर कहा गया था कि पेडों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है। जिला वन अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में वर्ष 2021 के 3 और 23 फरवरी के दिन पेड़ों को गिराने और ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की गई थी। 90 सेंटीमीटर से अधिक घेरा वाले पेड़ों को गिराया जा रहा है और इससे नीचे के घेरा वाले पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है।