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बिहार के 4 जिलों में 14 लाख लोगों को हर दिन मिलेगा 1.89 करोड़ लीटर गंगाजल, प्रति व्यक्ति 32000 खर्च कर रही सरकार

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नवादा, बोधगया, राजगीर एवं गया के निवासी तकरीबन 14 लाख लोगों को 12 महीने प्रत्येक दिन 1.89 करोड़ लीटर पेयजल की सप्लाई होगी। उसके हेतु गवर्नमेंट हार इंसान पर 32 हजार रुपए खर्च कर रही है। उससे पहाड़ी जगहों में गर्मियों में पानी की होने वाले दिक्कतों का निथारना होगा। नवंबर के अखरी हफ्ता सप्ताह में राजगीर, गया एवं बोधगया में लोगों को पानी मिलना आरंभ हो जाएगा। पाइप लाइन का कार्य पूर्ण होने के सहित ही लोगों के घरों तक इसको जोड़ दिया गया है।

हालाकि, नवादा में पाइप लाइन बिछाने का कार्य तकरीबन पूर्ण हो चुका है। रिजर्वायर एवं लोगों के घरों से लिंकअप करने के उपरांत शीघ्र ही पानी की आपूर्ति आरंभ कर दी जाएगी। ज्ञान भवन में एक नियोजित प्रोग्राम में वाटर रिसोर्स मिनिस्टर संजय कुमार झा द्वारा बातचीत के समय बताया गया कि सभी स्थानों पर शीघ्र ही लोगों को गंगा का शुद्ध पानी अवेलेबल होगा। राजगीर, बोधगया, गया एवं नवादा के निवासी लोगों को प्रति व्यक्ति 135 लीटर प्रति पानी की सप्लाई की जाएगी।

3 जलाशयों से होगा आपूर्ति – तेतर, अबगिल्ला पहाड़तल्ली एवं घोड़ाकटोरा में तैयार किए गए हैं जलाशय
राजगीर, बोधगया, गया एवं नवादा में 3 जलाशयों के जरिए से पानी की सप्लाई की जाएगी। उसके हेतु गया तेतर एवं अबगिल्ला पहाड़तल्ली एवं राजगीर के घोड़ाकटोरा में जलाशय का निर्माण करवाया गया है। तेतर में 18.633 मिलियन क्यूबिक मीटर, अबगिल्ला पहाड़तल्ली में .0938 मिलियन क्यूबिक मीटर का RCC टैंक तैयार किया गया है।

हाथी दह से पानी को लेकर तेतर में शुद्ध करवाया जाएगा एवं इसे अबगिल्ला पहाड़तल्ली के ट्रीटमेंट प्लांट में जमा करवाया जाएगा। इसके उपरांत पंप के जरिए से आगे भेजा जाएगा। राजगीर नगर के जलशोधन संयंत्र के हेतु 3 , राजगीर रिजर्वॉयर के हेतु 3 , गया के तेतर रिजर्वॉयर के हेतु 3 पंप लागाए गए है। उसके सहित ही नवादा के संयंत्र के हेतु 2 पंप लगाए गए है एवं एक-एक पंप रिजर्व में रखे गए हैं।

ये सारे जगहों में पहाड़ी एरिया होने से भूमि के नीचे से निकलने वाले पानी में आर्सेनिक इंग्रिडेंट की ज्यादा मात्रा प्राप्त होती थी। मई से जुलाई तक एरिया में पेयजल की बेहद समस्या होती थी। भूगर्भ रिजर्वायर भी बेहद नीचे चला गया था।

पानी की दिक्कतें पूर्ण तरह समाप्त हो जाएगी। पानी को ट्रीटमेंट कर घरों में पहुंचने से लोगों के स्वास्थ्य ठीक रहेगी। उसके सहित ही इन जगहों में भूगर्भ रिजर्वॉयर बनाए रखने में सहायता मिलेगी। बारिश के पानी का भी संचय करवाया जाएगा।