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बिहार के 27 हजार परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन देगी सरकार, जानिए किसे मिलेगा लाभ

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बिहार सरकार अनुसूचित जाति, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के भूमिहीन परिवारों को प्राथमिकता के लेवल पर आवास निवास के हेतु भूमि देने जा रही है। प्राथमिकता उन परिवारों मिलेगी, उनके नाम वित्तीय साल 2021-22 की सूची में सम्मिलित थे। लेकिन, उन्हें जमीन नहीं मिल सकी। इस प्लान के अंतर्गत एक परिवार को आवास के हेतु तीन डिसमिल भूमि देने की व्यवस्था की गई है। प्रयास रहेगा कि गैर मजरूआ, सीलिंग या भूदान की भूमि में इन्हें बसाया जाए। इस श्रेणी की भूमि नहीं मिली तो सरकार खरीद कर भूमि देगी। तीन डिसमिल भूमि पर सरकार ज्यादातर 60 हजार रुपये की धनराशि खर्च करेगी।

राजस्व और भूमि सुधार डिपार्टमेंट उसकी तैयारी में जुट गया है। विभागीय मंत्री रामसूरत कुमार द्वारा बताया गया कि पिछले वित्तीय साल के निरीक्षण में पिछड़े वर्ग के 10 हजार एक सौ 65 एवं अति पिछड़े वर्ग के 18 हजार सात सौ 78 परिवार ऐसे थे, उनके पास आवास की भूमि नहीं थी। दोनों श्रेणियों में बचे हुए सात हजार दो सौ 91 परिवारों को इस वर्ष तीन-तीन डिसमिल भूमि दी जाएगी।

पिछड़े-अति पिछड़े एवं अनुसूचित जाति के परिवारों को होगा फायदा 27 हजार परिवारों को आवास के हेतु भूमि देने जा रही है सरकार पिछले वर्ष की सर्वेक्षण सूची में है इन भूमिहीन परिवारों का नाम हर परिवार को तीन डिसमिल भूमि देने की प्लान पर हो रहा कार्य जमीन खरीदने के हेतु 60 हजार रुपये का करवाया गया है प्रबंध।

पिछले वर्ष के निरिक्षण में अनुसूचित जाति के गृह विहीन परिवारों की संख्या 83 हजार 35 थी। उनमें से 64 हजार से ज्यादा परिवारों को भूमि दे दी गई है। बचे परिवारों को भूमि देने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। अनुसूचित जन जाति के चार हजार से ज्यादा परिवारों के पास आवास की भूमि नहीं थी। उनमें से 2762 परिवारों को भूमि मिल गई है। बचे हुए 11 सौ 10 परिवारों को चालू वित्तीय साल में जमीन मिल जाएगी।