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बिहार के 12 जिलों में 365 करोड़ रूपए की लागत से निर्माण किए जायेंगे आवासीय विद्यालय, जानिए कब से शुरू होगा काम

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बिहार सरकार की ओर से 2400 बच्चों के लिए 12 जिलों में आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जाएगा। इन 12 जिलों में बिहटा भी शामिल है। इसके निर्माण के लिए 356.6 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। इन 12 जिलों में एक आवासीय विद्यालय पांच एकड़ में निर्मित किया जाएगा जिसपर 29.71 करोड़ रूपए खर्च किए जायेंगे। यह सभी आवासीय विद्यालय दो मंजिल के साथ पांच या छह ब्लॉक होंगे जिसमें करीब 150 कमरे होंगे। इन सभी आवासीय विद्यालय में प्ले ग्राउंड, बैडमिंटन कोर्ट, टेनिस कोर्ट, एथलीट के लिए रनवे, कैंटिन और लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

इन आवासीय विद्यालय में जरूरत के हिसाब से स्विमिंग पूल का भी निर्माण किया जा सकता है। इन आवासीय विद्यालय का निर्माण मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत किया जा रहा है। इसके निर्माण के लिए 31 जनवरी 2020 को समाज कल्याण विभाग की ओर से स्वीकृति दे दी गई है। इसके साथ ही आवासीय स्कूल का मॉडल भी तैयार कर लिया गया है।

आवासीय विद्यालय के निर्माण के लिए 12 जिलों को चिन्हित किया गया था जिनमें से सात जिलों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इनमें कटिहार, भागलपुर, पश्चिम चंपारण, औरंगाबाद, दरभंगा शामिल हैं। आवासीय विद्यालय के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य अक्टूबर 2022 से जुलाई 2023 तक रखा गया है। माना जा रहा है कि अक्टूबर 2022 में कटिहार में पहला आवासीय विद्यालय तैयार होने की आशंका है। वहीं तकनीकी कारणों की वजह से पटना में बिहटा के साथ सात जिलों में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वहीं लगभग सभी जिलों में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई हैं लेकिन कैमूर में यह प्रक्रिया अभी बाकी है।

मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत इन आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जाएगा और हर आवासीय विद्यालय में बच्चों की क्षमता 200 होगी जिनमें 100 लड़के और 100 लड़कियां शामिल हैं। इन सभी के लिए एक ही परिसर में अलग–अलग हॉस्टल की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ हर रूम में दो बेड होंगे। प्रत्येक बच्चे के लिए एक कुर्सी-मेज और आलमारी की व्यवस्था की जा रही है। वहीं बच्चों की पढ़ाई के क्लास रूम, लाइब्रेरी और कैंटिन कॉमन होगा।

इन आवासीय विद्यालय में 2400 बच्चों के रखने की व्यवस्था होगी जहां बच्चों को रहने, खाने, खेल-कूद के साथ पढ़ने की व्यवस्था होगी। इन विद्यालय में नए सेशन के साथ 2023 में पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद शिक्षकों और कर्मचारी को रखने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।