BIHAR
बिहार के होगी उत्पादों को प्रोसेसिंग और पैकेजिंग, खाद्य प्रसंस्करण की तलाशी जा रही संभावनाएं
बिहार राज्य में खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में कुटीर, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों की संभावना की खोज जारी है। बिहार के उत्पादों को प्रोसेसिंग और पैकेजिंग कर भारत के साथ वैश्विक स्तर पर बाजार में लाने की आवश्यकता है। यही बिहार के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में है। बिहार में धान की खेती अच्छी हो रही है परंतु इसका प्रोसेसिंग किसी दूसरे राज्य में किया जा रहा है जिसके पश्चात यह बिहार के बाजार में उपलब्ध होता है। इस कमी को दूर करने और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा, इसके लिए बिहार में ही चावल प्रोसेसिंग की व्यवस्था की जा रही है। इसी प्रकार से मक्के के उत्पाद के लिए भी काफी कार्य करनी की आवश्यकता है। बिहार के अलग–अलग जिलों में काफी अधिक पैमाने पर मक्के का उत्पादन होता है परंतु इसकी मदद से उत्पाद को अन्य राज्य में तैयार किया जाता है।
पटना केंद्र पर खाद्य प्रसंस्करण के उत्पादों की जांच की व्यवस्था की जा रही है। इसकी जानकारी पटना के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास संस्थान के निदेशक प्रदीप कुमार द्वारा दी गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के शुरुआत होने के बाद यहां के उद्यमियों को अपने उत्पाद की जांच हेतु दूसरी जगह जाने की जरूरत नहीं होगा। उत्पादों के जांच होने के बाद उनके उत्पादों को सीधे बाजार में उतारा जा सकेगा।
इस योजना के तहत विगत वित्तीय वर्ष में लोगों द्वारा 17 हजार प्रोजेक्ट के लिए आवेदन दिया गया था। परंतु विभाग द्वारा केवल 3400 प्रोजेक्ट का ही लक्ष्य निर्धारित किया गया था। बिहार में खादी–ग्रामोद्योग आयोग की तरफ से इसका संचालन किया जा रहा है। वहीं आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य का 80 प्रतिशत प्रोजेक्ट को बैंक से कर्ज दिलाने में सफलता हासिल कर ली गई है। आयोग के राज्य निदेशक मो. एच मेवाती बताते हैं कि काफी लोग प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इस चीज को बढ़ावा देने के लिए आयोग द्वारा कई कार्यक्रम की शुरुआत की गई। योजना के तहत युवाओं को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए बैंकों से लगातार संपर्क स्थापित किया जा रहा है।
खबर के अनुसार इस कार्य में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली गई है। परंतु इस कार्य में और तेजी लाने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत बिहार में दीया, सलाई, अगरबत्ती, साबुन, शैम्पू, आचार के साथ अन्य प्रकार के उत्पादों को तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। इसकी मदद से प्रधानमंत्री के वोकल फार लोकल अभियान को भी काफी शक्ति प्रदान हुई है। इसमें राज्य सरकार की ओर से भी काफी मदद प्रदान की जा रही है।