BIHAR
बिहार के हर पंचायत में मनरेगा योजना की मदद से जैविक होगा तैयार, पढ़े पूरी ख़बर
विगत दिनों में मिट्टी जांच प्रयोगशाला के अनुसार हर जिले की मिट्टी की जांच के गई। उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार रसायनिक खाद के प्रयोग की वजह से यहां के मिट्टी में पोषक तत्वों का काफी अभाव है। विगत तीन वर्षों से जैविक खाद उत्पादन के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रोत्साहन राशि बंद कर दिया गया है जिसकी वजह से जिले में वर्मी कंपोस्ट का निर्माण रुका हुआ है। वहीं मनरेगा योजना के माध्यम से इस कार्य को पूर्ण किया जाएगा।
प्रथम चरण में जिले में 30 पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत मनरेगा योजना से नैडेफ का निर्माण कर ठोस या तरल से जैविक खाद तैयार किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में इस कार्य के साथ ही पंचायतों में टंकी बनाकर जलकुंभी से जैविक खाद तैयार किया जाएगा। इसके लिए प्रथम चरण में जिले के सत्तर कटैया, महिषी और नवहट्टा प्रखंड के पांच पंचायत को पायलट प्रोजेक्ट के रूप चिह्नित किया गया है।
सहरसा जिला प्रशासन और कानपुर आईआईटी की टीम के बीच समन्वय स्थापित कर जलकुंभी के निस्तारण और उसके विभिन्न उत्पाद की तैयारी की जा रही है। इसके अंतर्गत मनरेगा से सभी इच्छुक किसानों के घर में टैंक स्थापित किया जाएगा। इस टैंक में जलकुंभी और गोबर के मिश्रण से खाद तैयार किया जाएगा। इस खाद से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ने में मदद होगी। इस खाद के प्रयोग से इलाके की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और कृषि उत्पाद में भी वृद्धि होगी।
प्रथम चरण में 30 पंचायतों में जैविक खाद के निर्माण की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में कचरा के साथ जलकुंभी की मदद से खाद का निर्माण किया जाएगा जिसके लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है।