Connect with us

BIHAR

बिहार के बिजली कंज्यूमर्स के लिए अच्छी ख़बर, जाने बिजली विभाग का नया नियम

Published

on

WhatsApp

बिहार में वर्षों आने वाले बिजली का रेट एक सा(फ्लैट रेट) होगा। प्री-पेड बिजली स्मार्ट मीटर लगवा रहे कंपनी द्वारा इस ओर में कार्य आरंभ करवा दिया गया है। राज्य के सारे कंज्यूमर्स के यहां स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगवाने के उपरांत कंपनी इस प्लान को साक्षात रूप देगी।

राज्य के विद्युत कंज्यूमर्स को अभी भिन्न-भिन्न यूनिट के मुताबिक़ बिजली का बिल देना पड़ रहा है। गांव के क्षेत्र में शून्य से 50 यूनिट तक को एक स्लैब में रखा गया है। सेकंड स्लैब 51 से 100 यूनिट तक तो थर्ड स्लैब 100 यूनिट से ज्यादा का रखा है। जबकि नगरी घरेलू कंज्यूमर के हेतु अभी थर्ड स्लैब की व्यवस्था है। फर्स्ट स्लैब एक से 100 यूनिट तक का है। सेकंड स्लैब 101 यूनिट से 200 तो थर्ड स्लैब 200 यूनिट से ज्यादा का है। भविष्य में इन स्लैबों को हटवा दिए जाएंगे। एक यूनिट उसे करें या 100 या एक हजार यूनिट, सबका एक ही कीमत होगा। स्लैब हटवाने एवं फ्लैट रेट करवाने की कार्रवाई बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेरोटी कमीशन के जरिए से होगी।

देश में एक मात्र राज्य बिहार है जो प्री-पेड स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी मीटर लगवा रहा है। बिहार के उपरांत उत्तरप्रदेश ने पोस्टपेड मीटर को प्री-पेड में परिवर्तित करने की कार्रवाई आरंभ कर दी है। मोबाइल पोस्टपेड सर्विस में कंपनियों की रेट भिन्न-भिन्न होता है परंतु जब प्री-पेड सर्विस की बात करें तो सारे संचार कंपनियां के कंज्यूमर से एक सा ही कीमत वसूलती है। इसी के हेतु कंपनी द्वारा मोबाइल की तर्ज पर ही प्लान बनया जा रहा है कि प्री-पेड विद्युत मीटर लगवाने का कार्य जब पूर्ण हो जाए तो भिन्न भिन्न रेट के मार्केट एक जैसा ही वसूला जाए। अभी नगरी इलाको में मीटर लगवाने की कार्यवाही हो रही है। इस साल के आखिर तक यह पूर्ण हो जाएगा। वहीं गांव के क्षेत्र में भी मीटर लगवाने की कार्रवही आरंभ कर दी गई है।

राज्य में अब तक विद्युत आपूर्ति का खर्च 7 रुपए पर यूनिट से ज्यादा है। हालाकि कंज्यूमर को उससे कम रेट पर विद्युत दी जाती है। कंज्यूमर को सस्ती बिजली देने के मद में गवर्नमेंट प्रत्यावर्तन में हर वर्ष हजारों करोड़ की लागत खर्च करती है। प्रस्तुत वित्तीय साल 2022-23 में 7801 करोड़ अनुदान मद में खर्च हो रहा है। जबकि वित्तीय साल 2021-22 में 6000 करोड़, वर्ष 2020-21 में 5469 करोड़, वर्ष 2019-20 में 5193 करोड़ तो साल 2018-19 में 5070 करोड़ प्रत्यावर्तन में खर्च किया गया। अब तक कंज्यूमर की गिनती 1 करोड़ 80 लाख तक पहुंच चुकी है। उसमे 90 फीसदी घरेलू कंज्यूमर हैं। आए दिन कंज्यूमर्स की बढ़ते क्रमांक के मध्य गवर्नमेंट को अनुदान मद में आने वाले सालो में और ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ेगा। फ्लैट दर होने पर कंपनी को फायदा होगा एवं अनुदान मद में कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे।

हालाकि जब एक सा बिजली रेट लागू होगा तो उस वक्त क्या रेट तय होगा, यह भविष्य में पता चलेगा है। परंतु विशेषज्ञों के मुताबिक एक जैसा बिजली रेट होने पर कम विद्युत खपत करने वालों को घटा हो सकता है। एक सा दर तय करने में अगर सभी स्लैब का माध्य निकालकर रेट फिक्स करवाया जाएगा तो कम खपत करने वालों कंज्यूमर को घटा लगना तय है।

विद्युत कंपनी एक सा बिजली रेट (फ्लैट रेट) के प्लान पर कार्य कर रही है। आने वाले सालो में जब प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगवाने का कार्य पूर्ण हो जाएगा तो इस ओर में कारवाही की जाएगी।
-संजीव हंस, प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग सह सीएमडी, बिजली कंपनी।