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बिहार के पहले एक्सप्रेसवे के निर्माण को हरी झंडी, इन सात जिलों को मिलेगा इसका फायदा

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पटना: बिहार के पहले एक्सप्रेसवे आमस-दरभंगा के निर्माण के लिए मजूरी प्राप्त कर ली गई है जिसका निर्माण कार्य चार पैकेज में किया जाना है। इन चार पैकेज में से दो पैकेज के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरा कर लिया गया है। सबसे कम बोली लगाने वाली एजेंसी का चयन कर उसे टेंडर देने की कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। दो महीने के अंदर एजेंसी इसके निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिस पैकेज का टेंडर हो गया है, उसके निर्माण का लक्ष्य 2024 रखा गया है।

इस एक्सप्रेसवे का निर्माण आमस और दरभंगा के बीच किया जाएगा जो फोर लेन का होगा। अभी तक बिहार में जितने भी एक्सप्रेस वे के निर्माण को मंजूरी मिली है, वे सभी दूसरे राज्यों से होकर गुजरती है। लेकिन आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे पहला होगा जो बिहार के जिलों को जोड़ेगा। इसका निर्माण चार पैकेज में किया जाएगा जिनमें दो पैकेज की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। बता दें कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है।

औरंगाबाद से जयनगर तक बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत औरंगाबाद के मदनपुर से की जाएगी। गया एयरपोर्ट की बगल से गुजर रहा जीटी रोड भी इस रोड से कनेक्ट होगा। गया से जहानाबाद और नालंदा के बॉर्डर से होते हुए पटना में यह एक्सप्रेसवे कच्ची दरगाह में मिलेगा। यहां से बिदुपुर के बीच बन रहे 6 लेन पुल से चकसिकंदर, महुआ होते हुए ताजपुर जाएगा। वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के पास से गुजरते हुए यह एक्सप्रेसवे जयनगर में समाप्त होगा।

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में यह ध्यान रखा गया है कि यह उत्तर और दक्षिण के जिले आपस में सीधे जुड़ें। बिहार के 7 जिले इस एक्स्प्रेस-वे से जुड़ेंगे जिनमें औरंगाबाद, गया, नालंदा, पटना, जहानाबाद, वैशाली और दरभंगा शामिल हैं। औरंगाबाद से जयनगर तक इस सड़क की कुल लंबाई 271 किमी होगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद पटना से गया और दरभंगा एयरपोर्ट सीधा जुड़ जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा इसे ताजपुर तक जोड़ने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में इस सड़क की उपयोगिता और भी बढ़ जाएगी। वैशाली से समस्तीपुर और दरभंगा होते हुए नेपाल सीमा पर जाकर जयनगर में यह सड़क खत्म होगी।