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बिहार के नगरों को मिल सकती है संजीवनी, पटना साथ ही इन जिलों का होगा सुनियोजित विकास और बेहतर होंगी ये सेवाएं

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वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में जरिए और छोटे नगरों के विकास पर ध्यान दिया गया है। केंद्र सरकार ने देश के टू और थ्री टीयर वाले नगरों के डेवलपमेंट पर ध्यान रखते हुए बड़ी पहल की है। बिहार को भी इससे काफी बेनिफिट होने की आसा है। राज्य के कई शहर इन्हीं दो श्रेणियों में शामिल हैं। मुख्यतौर पर राजधानी पटना के बजाय टू और थ्री टीयर की श्रेणी के अंतर्गत राज्य के किन्ही अन्य शहर के सुनियोजित विकास में इससे सहायता मिलेगी।

शहरीकरण के हेतु बजट में किए गए प्रबंधों का बेनिफिट पटना को मिलेगा। पटना टू टियर वाले नगर की समुदाय में आता है, वहीं बिहार के दूसरे शहर जो थ्री टियर में आएंगे उनमें प्रमंडलीय और जिला मुख्यालय के अलावा भी कुछ शहर समिलिट हो सकते हैं। इनमें मुख रूप से गया, सासाराम, बक्सर, औरंगाबाद, बिहारशरीफ, बेगूसराय, भागलपुर, पूर्णिया, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, बेतिया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, छपरा, हाजीपुर सहित अन्य जिला मुख्यालय वाले नगर को भी इस प्लान के तहत बेनिफिट मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा बड़े शहर परिषद में सम्मिलित डेहरी ऑन सोन और राजगीर भी इस कार्य क्षेत्र में आ सकते हैं। आम बजट में टू और थ्री टीयर वाले नगर को आने वाले समय के हिसाब से मॉडर्न और व्यवस्थित सुविधाओं के सहित विकसित करने की राय दी गई है।

मध्यम और छोटे नगरों के डेवलपमेंट के हेतु उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। इस समिति में नगर से जुड़े विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री भी सम्मिलित होंगे। ये नगर के विकास की रूपरेखा बनवाने से लेकर संस्थानग डेवलपमेंट की अनुशंसा करेंगे। इसमें न केवल विकास कैसे और किस तरीका हो, बल्कि उसे जमीन पर किस तरह उतारा जाना है, इसकी भी विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे।

केंद्र सरकार ने पूर्णअनुमन द्वारा गणन करते हुए ये बताया है कि साल 2047 जब भारत की आजादी के सौ वर्ष पूरे होंगे उस समय तक देश की आधी आबादी नगरों में होगी। इस कारण से ही मध्यम और छोटे शहरों के डेवलपमेंट को लेकर ध्यान दिया गया है। बड़ी आबादी के नगरों में रहने की स्थिती में इन विकास सुनियोजित प्रकार से नहीं होने पर कई दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। उस हिसाब से अभी से टू और थ्री टियर वाले नगरों के योजना के तहत विकास को लेकर पहल की गई है। यह माना जा रहा है कि नगरों में अच्छे यातायात सुगमता, पेयजल, ड्रेनेज और दूसरी मूलभूत सुविधाएं विकसित होनी चाहिए।