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बिहार के कृषि डिपार्टमेंट में 2667 पदों पर जल्द होगी नियुक्ति, बीएसएससी निकलेगा विज्ञापन

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बिहार सरकार जल्द ही कृषि डिपार्टमेंट में भिन्न भिन्न परिपाटी के 2,667 पदों पर नियुक्ति प्रॉसेस आरंभ करने जा रही है। उसके प्रखंड कृषि ऑफिसर के 774 पद, सहायक निदेशक (शष्य), कोटि-1 वर्ग-2 के 89 पदों का रोस्टर क्लियरेंस करते हुए सामान्य प्रशासन डिपार्टमेंट को अधिकृत प्रॉसेस आरंभ करने की अनुशंसा भेज दी गई है। उसके सहितही, कृषि सामंजस्य के 1,470 पद, उद्यान सेवक (माली) के 247 पद एवं पुष्पोद्यान लिपिक के 87 पदों का रोस्टर क्लियरेंस करते हुए कार्यकर्ता चुनाव आयोग को कृषि डिपार्टमेंट ने अनुशंसा भेजी गई है।

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा यह उद्घोषण मंगलवार को डिपार्टमेंट के नव नियुक्त 228 कृषि ऑफिसरों के प्रवेश कालीन ट्रेनिंग शिविर के उद्घाटन प्रोग्राम में किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि उन अनुशंसित पदों पर अधिकृत की प्रोसेस जल्द आरंभ हो जाएगा। कृषि मंत्री द्वारा बताया गया कि बिहार लोक सर्विस में आयोग ने अनुशंसित अनुमंडल कृषि ऑफिसर और तुल्य स्तर के 228 अधिकारियो को अधिकृत पत्र निर्यात किया गया था। नियुक्ति पत्र के तहत सेल्क्टेड कैंडिडेट को 13 से 25 अप्रैल तक डिपार्टमेंट में योगदान देने का आदेश दिया गया था। अभी तक 164 ऑफिसरों ने कृषि डिपार्टमेंट में योगदान दिया है।

अब इन ऑफिसरों के हेतु 19 मई तक प्रवेशकालीन ट्रेनिंग प्रोग्राम आरंभ हो रहा है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में नवनियुक्त अधिकारियो को कृषि डिपार्टमेंट ने संचालित सभी योजनाओं (खासकर जैविक खेती, जलवायु के अनुरूप कृषि प्रोग्राम, सूक्ष्म सिंचाई प्लान, भूमि संरक्षण एवं उद्यान से संबंधित भिन्न भिन्न योजनाएं, फसल शेष व्यवस्था इत्यादि) के सहित बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के प्रवत्र्तन एवं नियम, सरकार की जीरो टालरेंस नीति, कोषागार से संबंधित वित्तीय नियमित, चिकित्सा प्रवर्तित, जानकारी का अधिकार नियम इत्यादि के साथ-साथ तनाव-दबाव नियंत्रण एवं समय नियंत्रण आदि विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा।

कृषि मंत्री ने नियुक्त ऑफिसरों को जीवन में अनुशासन एवम स्थानीय लोगो के प्रति कमिटमेंट के साथ दायित्व-बोध की सुझाव दी। वहीं, कृषि सचिव द्वारा ऑफिसरों को जीवन में तीन प्रमुख प्रबंधन पर काम करने का नियम दिया गया है। पहला ज्ञान, जो आप पढ़कर आए हैं, उसे अब आपको अपने काम के स्थान में किसानों के हित में इस्तेमाल करना है। दूसरी सीख निपुणता की। कार्यक्षेत्र में अपने टेकनीक और प्रशासनिक ज्ञान के मध्य तालमेल कर प्लानों का अनुक्रम करना। तीसरा ज्ञान, अभिवृत्ति यानी पॉजिटिव सोच के साथ काम करना। ट्रेनिंग प्रोग्राम में कृषि डिपार्टमेंट के अन्य ऑफिसर भी उपस्थित थे।