BIHAR
बिहार के इस हॉस्पिटल में खोला जाएगा प्रथम खसरा जांच लैब, सभी मेडिकल कॉलेज और जिलों से लिए जाएंगे सैंपल
विगत समय में बिहार में खसरा का उपचार केवल अनुमान और लक्षणों के आधार पर किया जाता था। परंतु अब इस क्षेत्र में सुधार किए गए हैं जिसके पश्चात पहले बीमारी को पुष्टि होगी और उसके बाद उसका उपचार होगा। बिहार राज्य में खसरा जैसी संक्रामक बीमारी की जांच हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहल की गई है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पटना शहर में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में खसरा का कंफर्मेटरी लैब बनाया जा रहा है जो कि बिहार राज्य की प्रथम खसरा जांच लैब होगी। खसरा की जांच के लिए हाइटेक मशीन का उपयोग किया जाएगा। इन मशीनों की मदद से रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगी जिससे लोगों को उचित उपचार देकर उनकी जांच बचाई जा सके। इस लैब की सहायता से खसरा बीमारी से लड़ने में काफी मदद मिलेगी।
मंगलवार के दिन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रकार की बीमारियों को लेकर गंभीर है। उन सारी बीमारियों का उपचार उपलब्ध कराने के लिए कई उचित कार्य जा रहे हैं। इसके साथ ही खसरा जैसे गंभीर संक्रामक बीमारी की जांच के लिए एम्स में कंफर्मेटरी लैब बनाई जाएगी। बिहार में इससे पूर्व खसरा की जांच के लिए कोई भी लैब नहीं था। इसकी वजह से मीजल्स रोग के प्रबंधन में डाक्टरों को काफी मुश्किल होती थी।
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार के सभी जिलों में संदिग्ध रोगियों के नमूने को पटना एम्स में भेजा जाएगा। पटना एम्स में उन सभी नमूने की जांच की जाएगी। वहीं बिहार के सभी मेडिकल कालेज के प्राचार्य, अधीक्षक एवं सिविल सर्जन को खसरा के सभी संभावित केस के नमूने को पुष्टि के लिए पटना एम्स में भेजने का निर्देश दिया गया है। इसकी मदद से रोगियों को उचित समय पर इसका इलाज उपलब्ध होगा। खसरा की जांच बिलकुल मुफ्त होगी। शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग कार्य कर रही है। इसके अलावा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में खसरा के टीके को शामिल किया गया है।