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BIHAR

बिहार के इस जिले में निर्माण होगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर कलस्टर, 1200 जमीन का अधिग्रहण पूरा, बनेगा उद्योग का हब

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बिहार के गया में अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर कलस्टर प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1670 एकड़ भूमि पर इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर डेवलप होगा। उसके हेतु 1200 एकड़ भूमि अभीकरण हो गई है। सितंबर माह तक बाकी भूमि का अभीग्रहण करवा लिया जाएगा। उसके हेतु इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट ने दो अधिष्ठापन में 83 करोड़ रुपए अवसंरचना विकास पाधिकरण को दिया है। गुरुवार को दिल्ली में बिहार के इंडस्ट्रियल मिनिस्टर शाहनवाज हुसैन द्वारा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम की जल्द ही संरक्षण अथॉरिटी की पहली मीटिंग में इस बारे में इनफॉर्मेशन दी।

इंडस्ट्रियल मिनिस्टर द्वारा आश्रय दिया गया कि बिहार के इंडस्ट्रीलाइजेशन को निश्चित करने लिए सेंटल गवर्नमेंट की सारे प्लान को तत्परता से पूरा करेगा। गया, डोभी में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट एवं बिहार इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के द्वारा नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर कलस्टर एवं कार्यान्वयन ट्रस्ट की सहायता से ख़ास प्रयोजन वाहन के मध्यम स्थापित करवाया जा रहा है। शाहनवाज हुसैन द्वारा प्रधानमंत्री मित्रा पार्क को बिहार को दिलाने के हेतु अपना पक्ष रखा।

इंडस्ट्रियल मिनिस्टर द्वारा कहा गया कि पश्चिमी चंपारण जिले में गारमेंट इंडस्ट्री के लिए 1719 एकड़ अंकित हो गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री गति शक्ति के दूसरे पार्ट के अंतर्गत प्रदेश को 503 करोड़ की धनराशि आवंटन कराने के हेतु इंडियन गवर्नमेंट का आभार प्रकट किया एवं कहा कि बिहार पूरे देश का टेक्सटाइल हब बन सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार में गारमेंट इंडस्ट्री के हेतु पर्याप्त रूप से ट्रेंड मैन पावर है।

उनके द्वारा बताया गया कि कुशीनगर एयरपोर्ट बनवाने के सहित ही, शानदार कॉन्टैक्ट और इंटरनेशनल एयरलाइन कॉन्टैक्ट स्थापित हो गया है। जिस प्रकार से बिहार में इंडस्ट्री लगाने के हेतु विशाल जमीन लैंड उपलब्ध है, अगर भिन्न भिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत केंद्र को दिए गए प्रस्तावोना पर मंथन करते हुए 1200 करोड़ रुपए व्यवस्था कराए जाते हैं तो प्रदेश के इंडस्ट्रियालाइजेशनको को बेहत गति मिलेगा। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण मीटिंग की अध्यक्षता कर रही थी उन्होंने बिहार को फ्रेंड पार्क दिलाने के हित में बातें कहीं। इस मीटिंग के दौरान 6 राज्य के सीएम एवं 18 प्रदेशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।