BIHAR
बिहार: कहलगांव में मिला कोयले का विशाल भंडार, जेएसआई ने क्वालिटी टेस्ट के हेतु भेजा धनबाद; जानें कब से आरंभ हो सकता है खनन
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेएसआई) ने भागलपुर के कहलगांव के माधोरामपुर मौजा स्थित लगभग 261 एकड़ जमीन के नीचे कोयले का बड़ा भंडार पाया है। सर्वे में माधोरामपुर गांव में भूमि के 350 फीट नीचे भीतर की खुदाई में मिले कोयले को जांच के हेतु धनबाद भेजा है। धनबाद स्थित सीएमपीडीआई में कोयले की गुणवत्ता का पता लगने के बाद इस छेत्र को कोल ब्लॉक घोषित करा जाएगा। उससे पहले 2018 में कहलगांव के ही सिंघाडी, गंगारामपुर, नवादा, मंसूरपुर गांव में कोयला की अनुमान जताई गई थी। इसी वर्ष पीरपैंती के 48 गांवों में भी कोयले का भंडार प्राप्त हुआ था। जेएसआई टीम ने चंडीपुर पहाड़ के सर्वे में फायर क्ले तथा सिलिका (क्रिस्टल पत्थर) का भी बड़ा भंडार पाया है। टीम अभी भी इन गांवों का सर्वे कर रही है।
जिला खनन पदाधिकारी अखलाघक हुसैन द्वारा बताया गया कि सर्वे टीम को माधोरामपुर में कोयला के बजाए फायर क्ले और सिलिका (क्रिस्टल पत्थर) मिला है। कोयले के सैंपल को धनबाद भेजा गया है। जहां गुरुतत्व की रिसर्च के बाद जेएसआई केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी। उधर, टीम में सम्मिलित विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि 2018 में मिले कोयले की गुरुतत्वा जी-3 से लेकर जी-14 तक की थी। ये गुरुत्व उत्तम मानी जाती है। इन स्थानो में विशाल खनिज भंडार होने का सर्वे 2012 में आरंभ हुआ था। पीरपैंती में जीएसआई के सर्वे के सात वर्ष बाद वैज्ञानिकों की टीम द्वारा जगहों में कोयले का बड़ा भंडारण होने की आनुसाम जताई थी।
20 मार्च 2018 को टीम ने BCCAL धनबाद तथा सीएमपीडीआई की टीम को रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को इन स्थान के भू-अर्जन का निर्देश दिए। पीरपैंती में 2026 से खनन आरंभ होने की अनुमान जतायी है।वर्ष 2018 में पीरपैंती के लक्ष्मीपुर, गोविंदपुर, चौधरीबसंत, हीरानंद बंसीचक नौवाटोली, शेरमारी शादीपुर, रिफातपुर, जगदीशपुर, सीमानपुर, पसाहीचक, महादेव टिकर, प्यालापुर, गोकुल मथुरा, सगुनी, रोशनपुर, महतोटोला रिफातपुर, बदलूगंज, बाबूपुर, पचरुखी, बारा, इसीपुर, हरदेवचक, दौलतपुर, कमलचक, मिर्जागांव सोनरचक, राजगंज, काजीबाड़ा, बसबिट्टा तथा बल्ली टीकर गांव में कोयला की अनुमान बताई गई थी।
टीम में सम्मिलित जियोलॉजिस्ट रितेश कुमार तथा असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट हरीश कुमार द्वारा बताया गया कि मिनिस्ट्री ऑफ माइंस के ऑर्डर पर जेएसआई ने स्ट्रैटजिक मिनरल प्रोजेक्ट में कहलगांव के बटेश्वर जगह, कासड़ी और जगन्नाथपुर की पहाड़ियों में प्रचुर सिर्फ खनिज भंडार की संभावनाओं की सर्च करने की जिम्मेदारी दी गई है। पहले आयी टीम ने रिसर्च में पाया था कि यहां 80 फीट से लेकर 300 से 400 फीट तक कोयला उपस्थित है।