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बिहार: एक परिवार की तीन बहनों ने परीक्षा पास कर बनी दरोगा, पहले से ही कर रहीं थी सरकारी नौकरी

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विगत साल के दिसंबर महीने में दरोगा के पद के लिए बिहार के करीब छह लाख अभ्यर्थियों ने दरोगा भर्ती के लिए एप्लीकेशन फॉर्म भर कर परीक्षा को दिया था। इनमे से केवल 47 हजार 900 अभ्यर्थी ही सफल हो पायें।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस परीक्षा में करीब साढ़े पांच लाख अभ्यर्थी असफल हो गए, उसमें बेगूसराय के एक गांव की तीन बहनों ने एक साथ इस परीक्षा में सफल होकर सभी को आश्चर्य कर दिया है।तीनों बहन पहले से ही सरकारी नौकरी में हैं। तीनों पुलिस सेवा की नौकरी ही कर रही हैं। इन तीनों बहनों के एक साथ परीक्षा पास करने से पूरे गांव में खुशी है।

बिहार राज्य के बेगूसराय जिले में बखरी के सलौना गांव की तीन सगी बहनों ने एक साथ दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास की है। गांव के निम्नवर्गीय किसान के घर जन्मी और ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी तथा गांव के ही स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर तीनों ने अपनी इस कामयाबी से परिवार के साथ गांव का नाम रोशन किया है। ये किसान फुलेना दास की पुत्रियां हैं। उनकी मां गृहिणी हैं। फुलेना की पांच बच्चे हैं, जिनमें चार पुत्रियां और एक पुत्र है। उनके सभी बच्चे ग्रामीण परिवेश में ही पले बढ़े और गांव के स्कूल से ही शिक्षा ग्रहण की।

फुलेना दस की बड़ी बेटी ज्योति कुमारी, दूसरी बेटी सोनी कुमारी तथा तीसरी बेटी मुन्नी कुमारी ने दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास की है। तीनों बहनों ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय, सलौना से ही पूरी की तथा उच्च विद्यालय शकरपुरा से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की, एमबीडीआइ कालेज रामपुर बखरी से इंटर की पढ़ाई और यूआर कालेज, रोसड़ा से स्नातक किया। ज्योति व उनकी दोनों बहनें फिलहाल बिहार पुलिस सेवा में कार्यरत हैं। ज्योति मोतिहारी और मुन्नी जयनगर में अपनी सेवा प्रदान कर रही हैं। वहीं एक बहन पुलिस सेवा में ही सार्जेंट मेजर के पद पर नियुक्त हैं।