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फैमिली बिजनेस छोड़ शुरू की किसानी, लाखों रुपए कमा दे रही हैं दूसरों को रोजगार
जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करना है तो जोखिम उठाना पड़ता है। कुछ ऐसा ही किया भीलवाड़ा की पूर्वा जिंदल ने। उन्होंने फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की। वह अपने पिता का बिजनेस छोड़ कुछ अलग करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जमीन खरीदी और ऑर्गेनिक खेती करना शुरू कर दिया। आज वो अपनी खुद की कंपनी की मालकिन है। वह अपने खेत से लोगों को सब्जियों की सीधी सप्लाई करती है। साथ ही कई लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।
पूर्वा ने साल 2013 में मुंबई से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया। उनके पिता एनके जिंदल का टैक्सटाइल इंडस्ट्रीज का बिजनेस है। पूर्वा वापस लौटकर फैमिली का टैक्सटाइल इंडस्ट्रीज का बिजनेस जॉइन किया। कई साल काम करने के बाद बिजनेस छोड़कर ऑर्गेनिक खेती करने का निर्णय किया। वह ओजियारा गांव में डेली इनकम बेस पर ऑर्गेनिक खेती और एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दे रही हैं। पूर्वा ने बताया कि खेती करने की कोई नॉलेज नहीं थी। वह अपने परिवार की पहली सदस्य हैं जिसने खेती करना शुरू किया है। किसानों और एग्रीकल्चर से जुड़े लोगों से बात कर ऑर्गेनिक खेती के बारे में जानकारी ली।
बिजनेस की शुरुआत में ओजियारा गांव में 8 महीने पहले 14 बीघा जमीन को 5 साल लीज पर लिया था।उनके सामने सबसे बड़ा लक्ष्य जमीन को खेती योग्य बनाना था। जमीन को परम्परागत तरीकों से तैयार करने के साथ ही गोबर की खाद और सभी ऑर्गेनिक छिड़काव का उपयोग किया गया। टीम में 7 लोगों को मासिक वेतन पर रखा गया है। बाकी मजदूरों को 400 रुपए दिहाड़ी पर बुलाया जाता है।
पूर्वा ने बताया कि बाजार में मिलने वाली सब्जी से ऑर्गेनिक सब्जी महंगी होती है। शुद्ध ऑर्गेनिक सब्जी लोगों तक पहुंचाने के लिए वॉट्सएप पर साखी ग्रुप बनाया गया है। जनवरी से लोग सब्जियों का ऑर्डर करते हैं। इसके बाद घर पर सब्जी डिलेवरी की जाती हैं जिससे हर दिन करीब 6 से 7 हजार की इनकम होती है।
पूर्वा ने बताया कि ऑर्गेनिक खेती के साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए एग्रो टूरिज्म भी शुरू किया गया है। महीने में 2 दिन शहर के लोगों को खेतों पर बुलाया जाता है। यहां परंपरागत रूप से उन्हें खाना बनाने, खेती और सब्जियों के बारे में जानकारी दी जाती हैं।