BIHAR
प्रोफेसर ने वेतन के 23.82 लाख रूपए लौटाए, खाते में केवल 970 रुपए, जाने पूरी कहानी
वर्तमान समय में नीतीश्वर कॉलेज के सहायक डॉ ललन कुमार काफी चर्चा में है। एक भी विद्यार्थी को न पढ़ा पाने की वजह से उन्होंने वेतन के 23.82 लाख रुपए विश्वविद्यालय को लौटा दिया। हाल ही में उनके ऊपर कुछ आरोप लगाए गए थे। दरअसल जिस अकाउंट नंबर का चेक उन्होंने विवि को दिया था, उस खाते में केवल 970.95 रुपये ही हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि यह स्टंट सहायक प्रोफेसर द्वारा ट्रांसफर कराने के लिए किया गया था। विश्वविद्यालय की ओर से मामले की जांच जारी है जिसमें नीतीश्वर कॉलेज के प्राचार्य से जवाब मांगा गया है। खबर के अनुसार डॉ ललन द्वारा विवि को मिठनपुरा एसबीआइ ब्रांच का चेक दिया था। इसमें उन्होंने चेक माध्यम से नियुक्ति तिथि वर्ष 2019 के 25 सितंबर से वर्ष 2022 तक की सैलरी वापस की थी।
जानकारी के अनुसार उन्होंने 5 जुलाई के दिन चेक को विवि को सौंपी थी और उस दिन उनके खाते में केवल 968.95 रूपए थे। 6 जुलाई के दिन उनके खाते में दो रुपए और क्रेडिट हुए। वहीं 27 जून के दिन उनके खाते से 1.95 लाख रूपए की लेन–देन हुई थी।
बिहार विवि के रजिस्ट्रार डॉ आरके ठाकुर द्वारा कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार से सहायक प्रोफेसर ललन कुमार की रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने कहा कि प्राचार्य से रिपोर्ट मिलने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा। सहायक प्रोफेसर डॉ ललन कुमार ने चेक के माध्यम से दो साल नौ माह तक की सैलरी 23.82 लाख रुपये विवि को वापस की थी।
उन्होंने विवि को एक पत्र भेजी थी जिसमें उन्होंने कहा कि कक्षा में विद्यार्थियों को उपस्थिति लगभग शून्य है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई नहीं के बावजूद वेतन राशि लेना उन्हें अमान्य है। इसके बाद मंगलवार के दिन डॉ ललन कुमार द्वारा 23 लाख 82 हजार 228 रुपये का चेक कुलसचिव बीआरए बिहार विवि के नाम से उनके कार्यालय में रिसीव कराया गया। इसके साथ वीसी को संबोधित आवेदन भी दिया जिसमें उन्होंने आरडीएस कॉलेज अथवा एमडीडीएम कॉलेज में स्थानांतरण हेतु अनुरोध भी किया।
नीतीश्वर कॉलेज के प्राचार्यडॉ मनोज ने बताया कि डॉ ललन कुमार के साथ हिंदी विभाग में एक अन्य गेस्ट शिक्षक भी हैं। ललन कुमार चाहते हैं कि पीजी डिपार्टमेंट अथवा पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कॉलेज में उनका ट्रांसफर कर दिया जाए। इसी से परेशान होकर उन्होंने प्रशासनिक दबाव बनाने के लिए इस तरह का कदम उठाया है। इधर देश भर में चर्चित होने के बाद डॉ ललन कुमार अब अपनी जान पर खतरा जता रहे है।
सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा प्रोफेसर ललन कुमार द्वारा टिप्पणियां लिखा जाता है। इसमें से कुछ लोग ललन कुमार की इस फैसले को सराहना दे रहे हैं। तो वहीं कुछ ने कहा कि वेतन लौटाने के डीडी भी बना कर दे सकते थे।