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पूर्वी चंपारण को नेशनल वाटर अवार्ड से राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
पूर्वी चंपारण को नेशनल वाटर अवार्ड प्राप्त हुआ है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा रिजर्वेशन डिपार्टमेंट की तरफ से जल संरक्षण प्रबंधन के इलाको में उत्कृष्ट कोशिसो के हेतु राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों द्वारा पूर्वी चम्पारण DM शीर्षत कपिल अशोक को नेशनल वाटर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
DM श्री अशोक को सर्वश्रेष्ठ जिला पूर्वी इलाको के श्रेणी में पूर्वी चंपारण को प्रथम पुरस्कार के स्वरूप में यह सम्मान दिया गया है। राष्ट्रपति ने DM को तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो प्रदान किया। जिले भर में जल संरक्षण व प्रबंधन इलाको में लघु जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, पर्यावरण और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट, एनर्जी डिपार्टमेंट, नगर व विकास डिपारेंट के समेकित कोशिशों से बेहतर काम किए गए हैं।
DM के निर्देशन में 535 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त करवाए गए। उनमें मोतीझील से अतिक्रमण हटा कर उसके सौंदर्यीकरण व संरक्षण की आरंभ करवाई गई। मोतीझील में जेनेवा जेट फाउंटेन लगाने का कार्य आखरी चरण में है। रोइंग क्लब से मीना बाजार होते हुए मिस्कॉट मोहल्ले तक अतिक्रमण हटाने के बाद रोड बनवाने की मंजूरी मिली। रिटेनिंग वाल व नाला निर्माण साथ ही मोतीझील में छठ घाट का बनवाया जाएगा । यह मोतीझील से अतिक्रमण हटाने के बाद ही संभव हुआ है। मोतीझील में वाटर स्पोर्ट्स की शुरूआत हुई।
जिले में पोखर, आहार व पइन के जीर्णोद्धार के टोटल 1636 काम करवाए गये। नदी जीर्णोद्धार के 3 काम कराये गये। हर गांव में एक तालाब से 315 तालाबों का सौंदर्यीकरण करवाया गया। 290 सरकारी भवन पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग किया गया। ग्रामीण इलाको में चापाकल के किनारे शॉकपीट बनवाए गए। वहीं,1632 फार्म तालाब व तीन चेक डैम बनवाए गए। जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए 29 लाख पौधारोपण कराया गया है। जल संरक्षण पर अच्छे काम किये जाने से पर्यावरण को बहुत फायदा हुआ। सहित ही वाटर लेवल में बढ़ोतरी हुई है।