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पटेलनगर और आनंदपुरी नाले पर सड़क का होगा निर्माण, वहीं स्मार्ट सिटी का लक्षित क्षेत्र 817 एकड़ से बढ़कर 1786 एकड़ हुआ
यह तीसरी बार है जब पटना स्मार्ट सिटी के एबीडी क्षेत्र में विस्तार का कार्य किया गया है। मंगलवार के दिन हुई छठी बैठक में पटना स्मार्ट सिटी की सिटी लेवेल एडवाइजरी फोरम द्वारा इसकी मंजूरी दी गई। खबर के अनुसार समिति द्वारा लगभग 61 एकड़ क्षेत्र के विस्तार के लिए सहमति दी गई। इसके पश्चात सर्पेंटाइन नाला, पटेल नंगर नाला पर सड़क बनाने और साथ ही बांस घाट में शवदाहगृह निर्माण संबंधी परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा। वहीं एबीडी क्षेत्र में वृद्धि होकर यह 1846 एकड़ हो गया है।
पहली बार स्मार्ट सिटी एबीडी का क्षेत्र 817 एकड़ था जिसमें संशोधन कर दूसरी बार यह क्षेत्र 1786 एकड़ हुआ। इस विस्तारित क्षेत्र में मौर्यालोक में मल्टी लेवल पार्किंग को शामिल किया गया है। इस बैठक में दीघा विधायक संजीव चौरसिया भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि बाबा चौक से पटेल नगर होते हुए राजापुर पुल तक जाने वाले नाले के जीर्णोंद्धार और उस पर सड़क का निर्माण होने के पश्चात जलजमाव की समस्या से निजात मिल जाएगा। इसके साथ ही लोगों को एक नया वैकल्पिक मार्ग प्राप्त होगा जिससे यातायात सुगम होगा।
वहीं महापौर सीता साहू ने कहा कि सर्पेंटाइन नाला, आनंदपुरी नाला के साथ ही विभिन्न नालों की परियोजनाओं का कार्य समाप्त होने के पश्चात पटना की ड्रेनेज व्यवस्था सुदृढ़ होगी। आईआईटी पटना के निदेशक श्री टीएन सिंह के द्वारा एक विशेषज्ञ सदस्यों की एक कमिटी बनाने का सुझाव दिया गया। यह कमिटी परियोजना की गुणवत्ता की रक्षा करेगी।
इस बैठक में दीघा विधायक संजीव चौरसिया, कुम्हरार विधायक अरुण कुमार सिन्हा, महापौर सीता साहू, उपमहापौर रजनी देवी, आईआईटी निदेशक टीएन सिंह, सीआईएमपी निदेशक राणा सिंह, चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुकेश जैन, पार्षद आशीष सिन्हा के साथ ही प्रभा देवी, रवि प्रकाश और रेणु देवी भी मौजूद थीं।
दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी के तहत निर्मित दस जन सेवा केंद्र को नगर निगम के हाथों में सौंपने की मांग सदस्यों द्वारा की गई। क्लैफ के सदस्य डॉ.आशीष सिंन्हा द्वारा जानकारी दी गई कि नगर निगम क्षेत्र में कुल 28 जन सेवा केंद्र का निर्माण होगा। इसमें इस दस जन सेवा का निर्माण कर टेंडर के माध्यम से एक निजी एजेंसी को संचालन के लिए दिया गया। इन दसों सेवा केंद्रों में से कुछ सेवा केंद्र अभी शुरू भी नहीं हुआ है। वहीं जिस सी केंद्र की शुरुआत हुई वहां निजी एजेंसी ने दूसरे निजी एजेंसी को दे दिया है। इन सेवा केंद्र में सिर्फ चार–पांच सेवाएं ही दी जा रही हैं जबकि जन सेवा केन्द्र में 32 सेवाएं देनी है।
इस बैठक में बाकरगंज नाले को भी जल्द प्रशासनिक स्वीकृति देने की मांग की गई। पहली बार स्मार्ट सिटी के तहत बाकरगंज नाला पर सड़क बनाने के लिए डीपीआर तैयार कर 15 करोड़ 27 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई थी। परंतु कुछ कारणों की वजह से इसे रद्द कर दिया गया। खबर के अनुसार एक बार फिर बाकरगंज नाला को पाटकर सड़क बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया गया। इसकी कुल लागत 20 करोड़ 30 लाख रुपये है। फिलहाल इसके निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वाकृति नहीं दी गई है। वहीं स्मार्ट सिटी मिशन का विस्तार जून 2023 तक किया गया है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी की योजनाओं को जल्द ही तय समय में पूरा करने का निर्देश दिया गया।