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पटना–गया–डोभी एनएच को फोर लेन की जगह सिक्स लेन का होगा निर्माण, हाईकोर्ट द्वारा एनएचएआई से तीन सप्ताह में मांगी जवाब

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पटना हाईकोर्ट के द्वारा पटना–गया–डोभी एनएच 83 को फोर लेन की जगह सिक्स लेन बनाने पर एनएचएआई से पूरी जानकारी देने का आदेश दिया। कोर्ट ने एनएचएआई को तीन सप्ताह के अंदर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया। 

मंगलवार के दिन पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल तथा न्यायाधीश एस. कुमार ने इस मामले पर सुनवाई की। इसके पूर्व कोर्ट की ओर से नियुक्त कोर्ट मित्र वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि पटना गया डोभी एनएच 83 राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण फोरलेन के रूप में किया जा रहा है, साथ ही जमीन का अधिग्रहण सिक्स लेन सड़क के रूप में किया जा रहा है। उनका कहना था कि अभी ही इस फोर लेन सड़क को सिक्स लेन कर देने से निर्माण लागत काफी कम आएगी। लेकिन बाद में इस फोरलेन सड़क को सिक्स लेन करने में काफी ज्यादा खर्च आयेगा।

एनएचआई की ओर से 2012 में कोर्ट को बताया गया कि आवागमन को ध्यान में रखते हुए इस सड़क का निर्माण फोरलेन में किया जा रहा है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार तथा अधिवक्ता आलोक कुमार राही ने कोर्ट को बताया कि 2012 के बजाय 2022 से आगे को ध्यान में रखकर सड़क का निर्माण किए जाने से भविष्य में लोगों को इस सड़क से आने जाने में आसानी होगी।

कोर्ट ने एनएचएआई के बड़े अधिकारी को इस सड़क का दौरा करने को कहा और साथ ही यह बताने को कहा है कि फोरलेन के बजाय सिक्स लेन में परिवर्तित किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट ने पुनपुन नदी पर बगैर अनुमति के पुल बनाए जाने के मामले में विकास आयुक्त को सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का हल निकालने का निर्देश दिया। कोर्ट को बताया गया कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार ने बगैर जल संसाधन विभाग से अनुमति लिए ही पुनपुन पर पुल बनाने का काम शुरू कर दिया। बाद में नदी पर पुल बनाने के लिए जल संसाधन विभाग से अनुमति मांगी। विभाग ने कुछ शर्तों के साथ पुल बनाने की अनुमति दी है, लेकिन एनएचएआई को शर्तों के साथ पुल बनाने पर आपत्ति है। कोर्ट ने विकास आयुक्त को इस मुद्दे पर सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का हल निकालने को कहा।