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पटना के किसानों और फैक्ट्रियों के हेतु अच्छी खबर है, जल्द ही शुरू होने जा रहे ये चार प्लांट… जानिए क्या होगा लाभ
राजधानी पटना के पहाड़ी, बेऊर, करमालीचक तथा सैदपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) सितंबर तक सुरु होने की उम्मीद है। पटना में लगभग 1.17 लाख से ज्यादा घरों को कवर करते हुए STP की रोजाना 200 मिलियन लीटर खबर जल के ट्रीटमेंट की संयुक्त क्षमता है। पहाड़ी तथा सैदपुर STP में से हर एक की क्षमता 60 मिलियन लीटर रोजाना (एमएलडी), बेऊर एसटीपी की कैपेसिटी 43 एमएलडी और मेहनती एसटी एमएलडी है। एक बार भूमि के अंदर का नेटवर्क समाप्त हो जाने के बाद, घरेलू सीवेज लाइनों से कोई भी अनुपचारित जल डायरेक्ट गंगा में नहीं बहाया जाएगा।
नाले के जल का कोलोरिनेशन के बाद, अपशिष्ट पानी का ट्रीटमेंट बैच रिएक्टरों में करवाया जाएगा तथा सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (BUIDCO) के कार्यकर्ता सहायक अभियंता राजीव कुमार देव द्वारा बताया गया कि बेऊर में सीवेज लाइन लगाने तथा घरों को जोड़ने का करीब 90% कार्य अब तक समाप्त हो चुका है।
राजीव कुमार देव ने आगे बताया कि ‘पहाड़ी STP, जो अपने एरिया के मुताबिक दो स्थानों में विभाजित है, में 207.2 किमी लंबी सीवेज पाइपलाइन नेटवर्क है, उसमे करीब 75% कार्य पूरा हो गया है। नेटवर्क करीब 80% पूरा किया जा चुका है और उसको अगस्त तक सुरु होने की संभावना है।’ बुडको के सूत्रों के मुताबिक, STP में ट्रीटमेंट के बाद एरिया के अपशिष्ट पानी को गंगा या अन्य कार्यकर्ता सहायता नदियों में बहाया जाएगा। ट्रीटमेंट किए गए जल का इस्तेमाल खेतों में, औद्योगिक सुविधाओं में तथा अन्य उद्देश्यों के हेतु करवाया जाएगा।
इंजीनियरों ने चार में से तीन STP पर सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया, उसमे सैदपुर, बेऊर तथा करमालीचक सम्मिलित थे। वह मॉर्डन बुनियादी ढांचे से लैस हैं तथा अनुक्रमण बैच रिएक्टर प्रौद्योगिकी (अपशिष्ट जल ट्रीटमेंट के हेतु सक्रिय कीचड़ प्रणाली को भरने तथा खींचने का इस्तेमाल करता है) का इस्तेमाल करके निर्मित करवाया गया है। वे आने वाले 30 सालो के हेतु स्थानीय लोगों की जरूरत को समाप्त करने के हेतु डिज़ाइन करवाया गया हैं। दीघा तथा कंकड़बाग में दो अंतर्गत STP बनवाए के अपने आरंभिक लेवल में हैं। दीघा STP की क्पासिटी 100 एमएलडी तथा 228 किमी लंबे सीवर नेटवर्क की होगी, फिलहाल कांकेरबाग STP में 50 एमएलडी 150 किमी लंबे सीवर नेटवर्क की कैपेसिटी होगी