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नीट यूजी एग्जाम के लिए आयु सीमा को किया समाप्त,बोर्ड द्वारा परीक्षा के नियमों में बड़ा बदलाव

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नेशनल मेडिकल कमीशन के द्वारा नीट परीक्षा के लिए बड़े बदलाव किए गए हैं। स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड ने नीट–यूजी परीक्षाओं में बैठने के लिए तय आयु सीमा को समाप्त कर दिया है। पहले 25 वर्ष की आयु तक ही परीक्षा दी जा सकती थी। आरक्षित उम्मीदवारों को पांच वर्ष की छूट थी।

नई दिल्ली: मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए खुशी की बात है कि अब कोई उम्र सीमा नहीं होगी। नेशनल मेडिकल कमीशन ने अंडरग्रेजुएड मेडिकल कोर्सों के लिए होने वाली नीट-यूजी की परीक्षा के लिए अधिकतम उम्र की सीमा को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया है जिसे इसी वर्ष लागू किया जाएगा। इसके साथ ही नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन करने वाले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को इसकी जानकारी छात्रों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है।

साल 2017 में सीबीएसई ने नीट-यूजी में बैठने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए उम्र की अधिकतम सीमा 25 साल तय कर दी। एसएस, एसटी और ओबीसी के छात्रों के लिए इसमें पांच साल की छूट दी गई थी जिससे वे 30 साल की उम्र तक इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। लेकिन 21 अक्टूबर के दिन एनएमसी की हुई बैठक में इस पर विचार किया गया और यह फैसला किया कि इसके लिए अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं होना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इससे किसी भी कारण से नीट-यूजी की परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाने वाले छात्रों के लिए मेडिकल की पढ़ाई का रास्ता ही बंद हो जाता था। अब कोई भी छात्र किसी भी उम्र में इस परीक्षा के लिए मेडिकल में एडमिशन ले सकेगा। यह फैसला सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुरूप भी है, जिसके तहत कालेजों और विश्वविद्यालयों को कोर्सों को ज्यादा लचीला बनाया जा रहा है।